उच्च शिक्षित दिव्यांग की निर्ममता से हत्या, हाथ भी काटकर ले गए हत्यारे
महाराष्ट्र :- औरंगाबाद जिले से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है। अहमदनगर जिले की पाथर्डी तहसील से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की परीक्षा देने के लिए औरंगाबाद आए उच्च शिक्षित दिव्यांग विकास देवीचंद चव्हाण को चंद रुपयों के लिए निर्मम तरीके से मौत के घाट उतार दिया।
दिव्यांग विकास देवीचंद चव्हाण जब अहमदनगर से शानदार भविष्य के सपने लेकर औरंगाबाद पहुंचे,तब उन्हें क्या पता था कि अब वे कभी घर लौटकर नहीं आएंगे। औरंगाबाद में शुक्रवार को करीब दो हजार रुपयों के लिए लुटेरों ने उसे कब्रिस्तान ले जाकर बुरी तरह पीट-पीटकर मार डाला। हत्यारे यहीं नहीं रुके, विकास को जान से मारने के बाद पुलिस को भ्रम में डालने के लिए उसका हाथ भी काटकर ले गए, जोकि अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है। बाद में पुलिस को उसके शव से चोर जेब में रखे 700 रुपये मिले, जो लुटेरे उससे छीन नहीं पाए थे।
पैसे नहीं थे, तो बस स्टैंड पर ही रुक गया विकास
पाथर्डी तहसील के हरिचा तांडा में गन्ना कटाई कामगारों की बस्ती में रहने वाले विकास के पिता देवीचंद और छोटा भाई मच्छिंद्र गन्ना कटाई कामगार हैं। उसकी मां 15 वर्ष से बिस्तर पर है। बहुत गरीबी में भी विकास ने इतिहास से परास्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। विकास आरबीआई की शुक्रवार को आयोजित परीक्षा के लिए औरंगाबाद के लिए गुरुवार दोपहर साढ़े चार बजे पाथर्डी से एसटी द्वारा निकला था। रात साढ़े दस बजे विकास यहां मध्यवर्ती बस स्टैंड पर पहुंचा, लेकिन इस अनजान शहर में किसी से जान पहचान नहीं होने के कारण और जेब ज्यादा पैसे नहीं होने के कारण बस स्टैंड पर ही रुक गया।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि शुक्रवार सुबह एक रिक्शा वाला उसे बहला-फुसलाकर पास ही के चित्तेखाना कब्रिस्तान ले गया और पैसे छीनने के लिए मारा-पीटा और विरोध करने पर धारदार हथियार से छाती, गर्दन व पेट पर कई वार कर उसे मार डाला। उसके सभी पैसे छीनने के बाद उसका हाथ भी काटकर वहां से फुर्र हो गया। बाद में वहां पहुंचे सफाई कर्मियों को जब उसकी लाश दिखाई दी तो उन्होंने पुलिस को खबर की। इसके बाद पुलिस ने जांच पड़ताल की।
मामा से पैसे उधार ले पहुंचा था परीक्षा देने
बताया जा रहा है कि विकास ने औरंगाबाद आने के लिए चचेरे मामा से साढ़े तीन हजार रुपये उधार लिए थे। कुछ पैसे उसके आने-जाने में खर्च हो गए थे। 700 रुपये उसने चोर जेब में रखे थे, जो उसकी मृत देह के साथ मिले।