कोरबा हत्याकांड: पूर्व डिप्टी CM के पुत्र, बहू और पोती की निर्मम हत्या, पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
कोरबा । अविभाजित मध्यप्रदेश के वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय प्यारेलाल कंवर के पुत्र हरीश कंवर, उनकी पत्नी और पुत्री की बुधवार तड़के निर्मम हत्या कर दी गई। कोरबा जिला के उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम भैंसमा स्थित निवास में ट्रिपल मर्डर की यह वारदात हुई। हत्या की खबर फैलते ही गांव सहित पूरे क्षेत्र में शोक मिश्रित सन्नाटा पसर गया है। बताया गया कि हरीश के बड़े भाई हरभजन कंवर सुबह परिवार के साथ टहलने के लिए हर दिन निकलते हैं और आज भी तड़के करीब 4 बजे निकल गए थे। इसके बाद घर में हरीश और पत्नी सुमित्रा व पुत्री आशी 5 वर्ष रह गए।
हत्यारों ने इसी बीच धारदार हथियार से हत्या को अंजाम दिया व भाग निकले। हरभजन व अन्य लोग जब घर लौटे तब उन्हें हत्या का पता चलते ही कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही मौक़े पर पुलिस के अधिकारी मातहतों, डॉग स्क्वाड, फोरेंसिक एक्सपर्ट के साथ पहुंच गए हैं। स्व. हरीश कंवर पूर्व विधायक श्यामलाल कंवर के भतीजे और कोरबा जनपद पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती हरेश कंवर के छोटे भाई थे।
पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
हत्या के मामले में पुलिस के हाथ अहम सुराग लगे है। पुलिस आने वाले कुछ घंटे में इस ट्रिपल मर्डर पर से पर्दा उठा सकती है। पुलिस की प्राथमिक जांच में अहम सुराग पुलिस के हाथ लगे है। पुलिस डॉग की निशानदेही और पुलिस इन्वेस्टिगेशन के दौरान मौके से मिले अहम सुराग के आधार पर कुछ लोगो को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का अनुमान है कि जल्दी ही इस हत्याकांड से पर्दा उठ जाएगा और हत्या की वजह स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा होने की संभावना है।
कोरबा में कंवर परिवार अब भी सक्रिय तौर पर राजनीति से जुड़ा है। अब तक हुई जांच में पता चला है कि जब हमलावरों ने तीनों की जान ली तो हरीश की मां वहीं मौजूद थी। उसने अपनी आंखों से सब कुछ देखा, इसके बाद हमलावर भाग गए।
तीन लोग घुसे और सो रहे परिवार पर किए कई वार
पुलिस ने कंवर परिवार के मकान को घेर लिया है। किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। लाशें अंदर ही पड़ीं हैं। अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि सुबह 4 बजे के आस-पास हरीश के भाई खेत चले गए थे। कुछ देर बाद मकान में तीन लोग घुस आए। इस वक्त हरीश उनकी पत्नी और बेटी नींद में थे। हमलावरों ने चाकू और हंसिए जैसे हथियारों से तीनों पर कई वार किए, हरीश के चेहरे और शरीर के कई हिस्सों पर कटने के निशान हैं। चंद मिनटों में परिवार काे खत्म कर बदमाश भाग गए, सुबह जब ये वारदात हुई किसी ने बदमाशों को नहीं देखा। हरीश की बूढ़ी मां जीवन बाई उस वक्त घर पर ही थीं, चींखें सुनकर उठीं तब तक हत्यारे अपना काम कर चुके थे। उन्होंने जीवन बाई को कुछ नहीं किया। पुलिस की जांच टीम जब स्निफर डॉग के साथ आई तो डॉग घर के पास से निकली गली में गया और यहां से मेन रोड की तरफ गया।
ये सड़क आछीमार गांव की ओर जाती है। पुलिस को शक है कि हमलावर इसी इलाके में भागे होंगे। जांच टीम अपने मुखबिरों का नेटवर्क एक्टिव कर हत्यारों का सुराग जुटाने के काम में लगी है।