मौखिक टिप्पणियों पर नहीं रुकेगी मीडिया कवरेज- मद्रास हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने खारिज की चुनाव आयोग की याचिका
चेन्नई । मद्रास हाईकोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग की एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार दिया। इस याचिका में आयोग की मांग थी कि देश में बढ़ते कोरोना के मामले के पीछे आयोग को दोषी ठहराने वाली कोर्ट की मौखिक टिप्पणियों को मीडिया में छपने से रोके।
बता दें कि सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक पार्टियों की ओर से की जा रही है रैलियों पर रोक ना लगाने पर चुनाव आयोग को फटकारा था और कहा था कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर हत्या का केस होना चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट में तमिलनाडु के परिवहन मंत्री और एआईडीएमके नेता एमआर विजयभास्कर की ओर से दायर पर सुनवाई हो रही थी। विजयभास्कर ने अपनी विधानसभा करूर में मतगणना के दिन उचित कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की मांग की है। बता दें कि करूर सीट से कुल 77 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। सोमवार को हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को गैर जिम्मेदाराना ठहराते हुए कहा कि आपकी लापरवाही की वजह से आज देश में ये हाल है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान राजनैतिक पार्टियों को रैलियां करने की अनुमति क्यों दी।
चुनाव आयोग ने कोर्ट की मौखिक टिप्पणियों पर मीडिया कवरेज रोकने की मांग की
शुक्रवार को चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में कहा कि इन मौखिक टिप्पणियों की वजह से लोगों के मन में पूर्वाग्रह बन गया है और अब इसके खिलाफ पुलिस शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं। आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी की याचिका को खारिज करते हुए आयोग ने कहा कि अगर कोई भी भद्दी शिकायत की जाती है तो आयोग हाईकोर्ट का रुख कर सकता है। इस याचिका में चुनाव आयोग की ओर से कोर्ट की मौखिक टिप्पणियों पर रिपोर्ट करने से बचने और अपनी रिपोर्ट लिखित आदेशों तक सीमित रखने की मांग की गई थी। वहीं इससे एक दिन पहले गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन, बिस्तर, वेंटिलेटर की कमी की खबरें आ रही हैं। आप 10-15 महीनों से क्या कर रहे थे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति एसके रामामूर्ति की पहली बेंच ने सोमवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाई।