कोरोना के प्रकोप से ग्राम पंचायतो के कार्य हुए खस्ताहाल, सरपंचों के ऊपर कर्ज का बोझ
खैरागढ़ः- वैश्विक महामारी कोरोना ने जिस तरह पिछले एक वर्ष से समूचे विश्व में ताण्डव मचा रखा है जिससे सामाजिक सहित आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा है वही दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायतो में भी जब से पंचायत प्रतिनिधि चुनकर आए है तब से लेकर अभी तक सरपंचो की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष से ही सांसदो को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कराने हेतु मिलने वाले सांसद निधि के दो साल के रूपये केन्द्र सरकार ने काट दिए जिससे सांसद के द्वारा अपने क्षेत्र में विकास कार्य हेतु कुछ भी राशि नही दी जा सकी वही अब छत्तीसगढ़ की सरकार ने सभी विधायको को अपने क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाले विधायक निधि से दो करोड़ रूपये वापस लेने के फरमान से ग्राम पंचायतो के सरपंचो के माथे पर चिंता की लकीरे दिखाई दे रही है।
आपको बता दे कि केन्द्र सरकार से स्वच्छता एवं पेयजल संकट को कुछ हद तक दूर करने हेतु मिलने वाले फण्ड में ग्राम पंचायत की राशि में इस वर्ष से कटौती कर उक्त फण्ड को जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत को भी हिस्सेदारी दी जा रही है जिससे ग्राम पंचायतो की परेशानी बढ़ गई है खैरागढ़ क्षेत्र के सरपंचो ने बताया कि विगत दो माह से जनपद पंचायत से ग्राम पंचायतो को आनलाईन पेमेन्ट भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद है जिससे सरपंचो के द्वारा सार्वजनिक शौचालय निर्माण की भुगतान से लेकर गर्मी में पेयजल संकट को दूर करने हेतु किये गए कार्यो का कर्ज सरपंचो के उपर मंडरा रहा है जिससे अंचल के अधिकांश सरपंच परेशान हो गए है वही दूसरी ओर अपने ग्राम पंचायत को कोरोना महामारी से बचाने हेतु सभी सरपंच, सचिव,पंचगण,रोजगार सहायक से लेकर मितानीन अपने ग्राम पंचायत के लोगो को मास्क लगाने से लेकर वैक्सिन लगाने हेतु लगातार प्रेरित कर रहे है तथा कोरोना पाजीटीव मरीजो को होम आइसोलेशन में रहकर नियमो का पालन करने हेतु समझाईस दे रहे है।