बड़ी खबर: छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस की एंट्री, एम्स में भर्ती कराये गये 15 मरीज, ज्यादातर मरीजों की आंखों में फैला इंफेक्शन 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब कोरोना के बाद ब्लैक फंगल फैल गया है। रायपुर के एम्स में 15 ब्लैक फंगल के मरीज भर्ती कराया गये हैं। अभी तक कोरोना से ठीक हुए बुजुर्ग मरीज ही इसके शिकार हुए हैं। हालात ऐसे हैं कि पिछले 10 दिनों में 15 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं। वहीं इसके इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की किल्लत हो गई है।

15 मरीज रायपुर एम्स में भर्ती किए गए हैं, इस खबर की पुष्टि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कर दी है। बताया जा रहा है कि कोरोना की अनियंत्रित दवाओं की वजह से ब्लैक फंगस मरीजों को हो रहा है। प्रारंभिक जांच में इस बात की जानकारी सामने आयी है कि रायपुर एम्स में भर्ती 15 ब्लैक फंगल के मरीजों में 8 मरीजों की आंखों में फंगल इंफेक्शन है, जबकि बाकी मरीजों के अन्य पार्टों में संक्रमण है। अब राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने भी इसकी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाथपांव मारना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष और नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया, उन्होंने खुद ऐसे चार मरीज देखे हैं। उनका इलाज चल रहा है।

अधिकतर लोगों में यह संक्रमण नाक, आंख और मुंह के ऊपरी जबड़े में देखा गया है। डॉ. गुप्ता ने बताया, रायपुर एम्स और सेक्टर-9 अस्पताल भिलाई में भी ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज पहुंचे हैं। उनके लिए दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि इसके इलाज में पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन की जरूरत पड़ती है। हमारे यहां यह बीमारी रेयर है। ऐसे में इस तरह की दवाएं कम ही उपलब्ध है। रायपुर में एक स्टाकिस्ट के यहां इंजेक्शन के 700 वायल इसी बीच खत्म हो गए हैं। स्टाकिस्ट अब दवा निर्माताओं से इसकी मांग भेज रहे हैं।

विभिन्न डॉक्टरों और संगठनों की ओर से मांग जाने के बाद राज्य सरकार का खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग सक्रिय हुआ है। खाद्य एवं औषधि नियंत्रक ने आज सभी उप संचालकों को एक पत्र जारी किया है। इसमें ब्लैक फंगस के संक्रमण का जिक्र करते हुए पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरेसीन-बी की जरूरत बताई है। कहा गया है, इन दवाओं की नियमत आपूर्ति आवश्यक है। ऐसे में अपने क्षेत्र के सभी स्टाकिस्टाें और डीलरों के यहां उपलब्ध मात्रा की प्रतिदिन रिपोर्ट दें। दुकानदारों को भी इसकी जानकारी देनी है।

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