हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकारा: “वैक्सीन है नहीं, कॉलर ट्यून पर सुनवा रहे टीके लगवाओ” जब वैक्सीन ही नहीं तो कैसे लगेगी?

Delhi HC

नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि टीका आपके पास नहीं हैं, फिर भी कॉलर ट्यून पर टीका लगवाने को कह रहे हैं। लोगों से टीका लगवाने का अनुरोध करने वाली केन्द्र सरकार की डायलर ट्यून की आलोचना करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘हमें नहीं पता कितने दिनों से’’ यह ‘परेशान करने वाला’’ संदेश बज रहा है और लोगों से टीका लगवाने को कह रहा है जबकि पर्याप्त संख्या में टीका उपलब्ध नहीं है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा, ‘‘लोग जब कॉल करते हैं तो, हमें नहीं पता कि आप कितने दिनों से एक परेशान करने वाला संदेश सुना रहे हैं कि लोगों को टीका लगवाना चाहिए, जबकि आपके (केन्द्र सरकार) पास पर्याप्त टीका नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों का टीकाकरण नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप फिर भी कह रहे हैं कि टीका लगवाएं। कौन लगवाएगा टीका, जबकि टीका ही नहीं है। इस संदेश का मतलब क्या है।’’ सरकार को इन बातों में ‘नया सोचने’ की जरुरत है, यह टिप्पणी करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘आपको यह सभी को देना चाहिए। अगर आप पैसे लेने वाले हैं, तभी भी यह दें। बच्चे भी यही कह रहे हैं।’’ दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार को हमेशा एक ही संदेश बजाने की जगह अलग-अलग संदेश तैयार करने चाहिए। उसने कहा, ‘‘जब तक यह टेप खराब ना हो जाए, आप इसे अगले 10 साल तक बजाते रहेंगे।’’ पीठ ने कहा कि राज्य या केन्द्र की सरकारों को जमीनी स्तर पर स्थिति के हिसाब से काम करना होगा।

जागरूकता फैलाने के लिए केंद्र को दी सलाह

अदालत ने केंद्र से कहा कि जमीनी हालात देखते हुए बर्ताव करना चाहिए। इसलिए आपको और ज्यादा मैसेज बनाने चाहिए। जब कोई हर बार अलग-अलग मैसेज सुनेगा तो उसे इससे काफी मदद मिलेगी। टीवी एंकर्स और प्रोड्यूसर की मदद से प्रोग्राम बनाइए। छोटी अवधि के ये प्रोग्राम ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, सिलेंडर या वैक्सीनेशन पर जागरूकता फैलाने वाले हो सकते हैं। इन्हें सभी चैनल्स पर दिखाया जाए। अमिताभ जैसे कलाकारों को इसमें शामिल कीजिए और ये सब जल्दी किया जाना चाहिए। पिछले साल बहुत सारा प्रचार और प्रोपेगैंडा फैलाया गया था। लगातार हाथ धुलिए, मास्क लगाइए। इस बार इसी तरह के ऑडियो-विजुअल इनोवेशन ऑक्सीजन, कंसन्ट्रेटर्स और दवाइयों को लेकर किया जा सकता है। देर क्यों कर रहे हैं। इसे जल्दी करना चाहिए। 18 मई तक बताइए कि टीवी, प्रिंट और कॉलर ट्यून के जरिए कोविड मैनेजमेंट पर जानकारी प्रचार करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।