वैज्ञानिकों ने विकसित किया अनोखा उपकरण, सांस के माध्यम से होगी कोविड जांच

नई दिल्ली:- दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इसकी जांच के लिए काफी भीड़ देखी जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर में वायरस के म्यूटेशन के कारण कई लोगों के आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट भी गलत आ रही है। इन समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक ऐसा उपकरण विकसित किया है जिससे केवल एक मिनट में ही संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा। यह उपकरण सांस के माध्यम से कोविड-19 का पता लगाने में सक्षम है। सिंगापुर में विकसित इस उपकरण को स्थानीय अधिकारियों ने परीक्षण के लिए अस्थायी रूप से मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि उपकरण को विकसित करने वालों में से एक प्रोफेसर भारत में जन्में हैं।

ब्रेथोनिक्स कंपनी ने बनाई है डिवाइस
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) के तीन स्नातकों और भारत में जन्में एक प्रोफेसर ने मिलकर विकसित किया है। सिंगापुर में फिलहाल एंटीजन रैपिड टेस्ट के साथ सांस के माध्यम से संक्रमण का पता लगाने वाले इस परीक्षण को किया जाएगा। ‘ब्रेफेंस गो कोविड-19 ब्रीथ टेस्ट सिस्टम’ नाम के इस उपकरण को एनयूएस की ब्रेथोनिक्स कंपनी ने विकसित किया है।

अपने तरीके का पहला उपकरण
सांस से कोरोना की जांच करने वाला यह दुनिया का पहला उपकरण है। अधिकारियों का मानना है कि इस उपकरण से तेजी से रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है ऐसे में यह यातायात क्षेत्र को अनलॉक करने में मदद के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। ब्रेथोनिक्स कंपनी द्वारा विकसित यह उपकरण कमोबेश उसी तरह से काम करती है जैसे शराब की पुष्टि करने के लिए पुलिस उपकरण का प्रयोग करते हैं।

जानिए कैसे की जा सकेगी जांच
कंपनी के मुताबिक, कोविड की जांच करने वाले इस उपकरण में एक बार फूंक मारनी होगी। इससे मशीन में सांस के कण पहुंच जाएंगे, इसी के आधार पर मशीन के लर्निंग सॉफ़्टवेयर
की सहायता से व्यक्ति में कोरोना की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में एक मिनट से भी कम का समय लगेगा। मौजूदा समय में जब कोविड के लिए किए जाने वाले आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट में सैंपल देने के बाद लंबा इंतजार करना पड़ता है, ऐसे में इस उपकरण को वरदान माना जा रहा है।

जांच की प्रभाविकता 93 फीसदी
ब्रेथोनिक्स कंपनी का यह उपकरण अब तक तीन नैदानिक परीक्षणों से गुजर चुका है। उपकरण के दो परीक्षण सिंगापुर में और एक दुबई में हो चुका है। कोरोना की जांच में इस परीक्षण की प्रभाविकता 93 फीसदी पाई गई है।

 

रीसेंट पोस्ट्स