कोविड-19: एंटीबॉडी कॉकटेल दवा देश में लॉन्च, माइल्ड, मॉडरेट लक्षण और हाई रिस्क वाले मरीजों का होगा इलाज
नई दिल्ली:- कोरोना महामारी की तेज गति के बीच एंटीबॉडी की एक कॉकटेल दवा की उपलब्धता देश में हो गई है। स्विट्जरलैंड की फॉर्मा कंपनी रॉश और सिप्ला ने कोरोनो के लिए एंटीबॉडी कॉकटेल को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने बताया कि एंटबॉडी कॉकटेल (कासिरिविमैब और इमडेविमैब) का पहला बैच मिलना शुरू हो गया है। दूसरा बैच जून से उपलब्ध होगा।
एक मरीज को 59,750 खर्च करने पड़ेंगे, बच्चों को भी लगेगी
कंपनी ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि एक मरीज को दी जाने वाले कॉकटेल की एक डोज 59,750 रुपये तय की गई है। दवा से माइल्ड और मॉडरेट लक्षण वालों के साथ हाई रिस्क वाले मरीजों का उपचार होगा। देशभर के कोविड अस्पतालों में इस दवा का वितरण सिप्ला करेगी। कॉकटेल की संयुक्त डोज 1200 एमजी की होगी। एक पैक से दो मरीजों का उपचार होगा जिसकी टैक्स सहित कुल कीमत 1,19,500 रुपये होगी। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने हाल ही में इस दवा को इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
बच्चों को भी लग सकेगी दवा
रॉश कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ वी सिंप्सन इमैनुअल का कहना है कि एंटीबॉडी की कॉकटेल दवा से स्वास्थ्य व्यवस्था पर पडऩे वाले दूसरे आर्थिक बोझ को काफी कम किया जा सकता है। सिप्ला के सीईओ उमंग वोहरा ने कहा कि देशभर में दवा की आपूर्ति के लिए मार्केटिंग की व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये दवा वयस्कों के साथ 12 वर्ष या इससे अधिक उम्र और 40 किलो से अधिक वजन वाले कोरोना संक्रमितत बच्चों के इलाज में इस्तेमाल हो सकेगी।
बच्चों पर जून में शुरू हो सकता है कोवाक्सिन का परीक्षण
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर परीक्षण जून में शुरू हो सकता है। कंपनी के बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी के हेड डॉ. रैचेस एल्ला ने कहा कि बच्चों पर टीके का परीक्षण जून तक शुरू करने की तैयारी है।
साल की तीसरी तिमाही में बच्चों के लिए टीका तैयार करने का लक्ष्य
साल की तीसरी तिमाही से बच्चों के लिए टीका उपलब्ध कराने के लिए लाइसेंस पाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. एल्ला ने कहा कि भारत बायोटेक इस साल के अंत तक टीके की 70 करोड डोज के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने टीके की खरीदारी के लिए 1500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसकी मदद से हम बंगलूरू और गुजरात में भी कंपनी का विस्तार कर रहे हैं ताकि बड़ी संख्या में टीके का उत्पादन शुरू हो सके।