पिछले चार वर्षों में 12 चक्रवाती तूफान, केंद्र बनी बंगाल की खाड़ी…
नई दिल्ली :- बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान यास ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। पिछले साल भारत के पूर्वी तट पर तबाही मचाने वाले सुपर साइक्लोन अम्फान के एक साल बाद अब एक और चक्रवाती तूफान यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तांडव कर रहा है। पिछले चार वर्षों में अकेले बंगाल खाड़ी ने कम से कम 12 चक्रवाती तूफान देखें हैं।
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बेहद गंभीर तूफान में तब्दील चुका है। चक्रवात यास तेजी से ओडिशा के दक्षिण में बालासोर के पास बढ़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवात यास के थोड़ी ही देर में ओडिशा-बंगाल के तट के पास टकराने की आशंका है। आईएमडी के मुताबिक, यास नाम का ये तूफान गंभीर चक्रवाती तूफान जब तट से टकराएगा, तब 130-140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार सुबह 9 बजे से लैंडफॉल की प्रक्रिया जारी है। चक्रवात यास के टकराने के पहले से बाद तक करीब छह घंटे तक इसका असर रहेगा।
भारत ने 1970 से अब तक 170 चक्रवातों का कहर झेला
भारतीय प्रायद्वीप ने वर्ष 1970 के बाद से करीब 170 तूफानों का सामना किया है। इस समान अवधि में अमेरिका ने 574, फिलीपींस ने 330 और चीन 330 चक्रवातों को झेला है। चक्रवाती तूफानों के मामले में अमेरिका, फिलीपींस और चीन के बाद भारत चौथे नंबर पर आता है।
भारत में हर साल औसत 5 चक्रवात आए
वर्ष 1891 और 2017 के बीच भारत के समुद्र तट पर हर वर्ष औसतन 5 चक्रवात आए हैं। इनमें से चार चक्रवात बंगाल की खाड़ी और एक अरब सागर में उत्पन्न हुआ। चक्रवातों की फ्रीक्वेंसी और तीव्रता के मामले में बंगाल की खाड़ी अरब सागर की तुलना में अधिक सक्रिय बेसिन है।
बंगाल की खाड़ी की अपेक्षा अरब सागर में कम आए चक्रवात
पिछले चार वर्षों में अकेले खाड़ी ने कम से कम 12 चक्रवाती तूफानों का सामना किया है। अरब सागर की बात की जाए तो वहां पिछले चार वर्षों में 10 चक्रवात आए। बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवातों की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि 2020 में भारत में आए पांच चक्रवातों में जिनसे 113 लोगों की जान चली गई, उनमें से लगभग 100 केवल एक चक्रवात अम्फान से मरे थे।
चक्रवात क्या है?
कम वायुमंडलीय दवाब के चारों ओर गर्म हवा की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं। दक्षिणी गोलार्ध में इन गर्म हवा को चक्रवात के नाम से जानते हैं और ये घड़ी की सुई के साथ चलते हैं। उत्तरी गोलार्ध में इन गर्म हवा को हरीकेन या टाइफून कहते हैं। ये घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में चलते हैं।
कैसे बनते हैं चक्रवाती तूफान?
गर्म इलाके के समुद्र में मौसम की गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायु दाब का क्षेत्र बनाती है। हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से मिलकर संघनन से बादल बनाती है। इस वजह से बने खाली जगह को भरने के लिए नम हवा तेजी से नीचे जाकर ऊपर आती है, जब हवा बहुत तेजी से उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमती है तो घने बादलों और बिजली के साथ मूसलाधार बारिश करती है। तेज घूमती इन हवा के क्षेत्र का व्यास हजारों किलो मीटर हो सकता है।