सोशल मीडिया को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन भारत के संविधान के मुताबिक यूजर्स के अधिकारों का उल्लंघन- व्हाट्सएप
सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा व्हाट्सएप
नई दिल्ली :- व्हाट्सएप भारत सरकार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा है। व्हाट्सएप ने कहा है कि भारत सरकार बुधवार से लागू होने वाली अपनी नई पॉलिसी पर रोक लगाए, क्योंकि इससे प्राइवेसी खत्म हो रही है। व्हाट्सएप ने दिल्ली हाई कोर्ट से अपील की है कि सोशल मीडिया को लेकर भारत सरकार की नई गाइडलाइन भारत के संविधान के मुताबिक यूजर्स की प्राइवेसी के अधिकारों का उल्लंघन करती है, क्योंकि नई गाइडलाइन के मुताबिक सोशल मीडिया कंपनियों को उस यूजर्स की पहचान बतानी होगी जिसने सबसे पहले किसी मैसेज को पोस्ट या शेयर किया है।
व्हाट्सएप ने साफतौर पर कहा है कि यदि कुछ भी गलत होता है वह सरकार की शिकायत के बाद अपने नियमों के मुताबिक उस यूजर पर कार्रवाई करेगा। व्हाट्सएप प्लेटफॉर्म एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, इसलिए कानून का पालन करने के लिए व्हाट्सएप को इस एन्क्रिप्शन को तोड़ना होगा। ऐसे में व्हाट्सएप यूजर्स की प्राइवेसी खतरे में आ जाएगी। भारत में व्हाट्सएप के करीब 55 करोड़ यूजर्स हैं।
WhatsApp moves Delhi High Court, challenging Central Government's recent IT rules that would require messaging services to trace the origin of particular messages sent on the service. pic.twitter.com/lJWw2btLn4
— ANI (@ANI) May 26, 2021
सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के तैयार किए गए नियम पर सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि यह नाकाफी है। कोर्ट ने अपने एक बयान में कहा कि ओटीटी और सोशल मीडिया के लिए बनाए गए नए नियम फिलहाल बिना दांत और नाखून वाले शेर की तरह हैं, क्योंकि इसमें किसी प्रकार के दंड या जुर्माने का कोई प्रावधान नहीं है। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने नए नियम पर कोर्ट की टिप्पणी पर सहमति जताई और कहा कि नए नियम ओटीटी प्लेटफॉर्म को आत्मनियंत्रण का मौका देने के मकसद से बनाए गए हैं, लेकिन यह भी तर्क सही है कि बिना जुर्माना और दंड के प्रावधान के नियम का कोई मतलब नहीं है और यह दंतहीन है।
बता दें कि इसी साल फरवरी में सरकार ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी जिसे लागू करने के लिए इन कंपनियों को 90 दिनों का वक्त दिया था जिसकी डेडलाइन आज यानी 26 मई को खत्म हो रही है। सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस में साफ लिखा गया है कि देश में सोशल मीडिया कंपनियों को कारोबार की छूट है , लेकिन इस प्लेटफॉर्म के हो रहे दुरुपयोग को रोकना जरूरी है।
केंद्र सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइन के तहत शिकायत के 24 घंटे के भीतर सोशल प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा। देश में इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी (नोडल अधिकारी, रेसिडेंट ग्रीवांस अधिकारी) को नियुक्त करना होगा। किसी भी सूरत में जिम्मेदार अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर OTT कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निपटारा करना होगा। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हर महीने अपनी रिपोर्ट जारी करनी होगी।