महामारी काल में देवासम बोर्ड का राजस्व 261 करोड़ रुपये से 21 करोड़ पहुंचा
तिरुवनंतपुरम। त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) के तहत आने वाले मंदिरों को कोविड महामारी के कारण भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है, इस वजह से बोर्ड की आर्थिक हालत खराब है। त्रावणकोर बोर्ड केरल के दक्षिणी जिलों में सभी मंदिरों को नियंत्रित करता है, जिसमें प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर भी शामिल है। इन मंदिरों के जरिये मिलने वाले राजस्व से विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को वेतन के भुगतान जैसे खचरें को पूरा किया जाता है। राजस्व में मुख्य तौर पर नकदी हासिल होती है।
त्रावणकोर देवासम बोर्ड (टीडीबी) को वेतन और पेंशन के लिए 40 करोड़ रुपये का मासिक बिल मिलता है। इसके खजाने व्यावहारिक रूप से खाली होने के कारण, उन्होंने अब आर्थिक मदद के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया है। इसके तहत मंदिरों की जरूरतों की खरीद के लिए टीडीबी को भी 5 करोड़ रुपये की जरूरत है। अब तक, बोर्ड हमेशा खचरें को पूरा करने के लिए मंदिरों, मुख्य रूप से सबरीमाला से आने वाले राजस्व पर बैंक करता था।
राजस्व 261 करोड़ रुपये से घटकर सीधे 21 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे टीडीबी गंभीर आर्थिक संकट में पड़ गया है। 2020 में, सबरीमाला सीजन कोविड प्रोटोकॉल के बीच बुरी तरह प्रभावित हुआ था। 2018 के मंदिर सीजन में,जब सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी थी तो बीजेपी, आरएसएस और संघ परिवार इसका कड़ा विरोध किया था। पहले 10-50 वर्ष की आयु की लड़कियों और महिलाओं पर मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी।
टीडीबी के सूत्रों के मुताबिक, ”सचमुच सबरीमाला मंदिर का राजस्व पिछले तीन वर्षों से प्रभावित हुआ है, जिससे बोर्ड को काफी उथल-पुथल का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना ने तो हालत और खराब कर दी। ” टीडीबी के रोजमर्रा के कामकाज की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, टीडीबी के अधिकारी इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि नवंबर में आने वाला त्योहारी सीजन हमारे लिए कैसा होगा।