छत्तीसगढ़ में 19 स्टेशनों में भारी वर्षा दर्ज, निचले इलाकों में जलभराव

रायपुर। आज मानसून छत्तीसगढ़ में प्रवेश करते हुए रायपुर तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ में 19 स्टेशनों में भारी वर्षा दर्ज किया गया है। सामान्य तौर पर छत्तीसगढ़ में मानसून 16 जून को सक्रिय होता है। चार दिनों में यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेता है। इसकी वजह से प्रदेश में भारी बरसात होती है। लेकिन इस बार यह 9-10 जून को ही रायपुर तक पहुंच चुका है। रायपुर माना 97.2 , रायपुर 113.6, लाभांडी 101.8, तिल्दा 72.5 , अभनपुर 82.0 , रायपुर शहर 88.2 , बलोदा बाजार 74.0 , पलारी 67.6 , मैनपुर 78.0 , धमतरी 95.6 , कुरूद 69.0 , मगरलोड 96.4 , महासमुंद 123.0 , पाटन 89.0,  गुरुर 111.8 , बेमेतरा 157.2 , थान खमरिया 67.0  और पेंड्रा रोड में 79.4 मिलीमीटर बरसात दर्ज हुई है।

मानसूनी हवाओं की वजह से होने वाली बरसात बिना सिस्टम के भी होती है। अभी तो स्थानीय सिस्टम बना हुआ है। इसकी वजह से अगले कुछ दिनों तक प्रदेश में मध्यम से भारी बरसात जारी रह सकती है। इस बार मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई गई है। अगर ऐसा ही बना रहा तो कुछ दिनाें के अंतराल पर बरसात होती रहेगी।

एक द्रोणिका दक्षिण उड़ीसा से दक्षिण गुजरात तक 3.1 से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। एक द्रोणिका उप हिमालयीन पश्चिम बंगाल से दक्षिण उड़ीसा तक 5.8 से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश से उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक झारखंड,  गंगेटिक पश्चिम बंगाल के दक्षिणी भाग होते हुए उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक स्थित है।

एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्व मध्य और उससे लगे उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी में 4.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर बंगाल की खाड़ी में 11 जून 2021 को निम्न दाब का क्षेत्र बनकर, उसके और अधिक प्रबल होने की संभावना है। इसके आगे बढ़ने के पूर्व ही मानसून की सक्रियता मध्य और पूर्व के राज्यों में होने की सम्भावना है। 10 जून को आने की स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश के एक-दो स्थानों में गरज चमक के साथ भारी बारिश होने आकाशीय बिजली गिरने और अंदर चलने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में कल से गिरावट होने की संभावना है।

सड़कों की स्थानीय बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से उपरोक्त क्षेत्र के शहरी क्षेत्रों में अंडरपासों का बंद होना।  भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कभी-कषभी कमी।  सड़कों पर जलजमाव के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा में लगने वाला समय बढ़ जाता है।  कच्ची सड़कों को मामूली क्षति।  सुभेद्य संरचना के क्षतिग्रस्त होने की संभावना।  स्थानीयकृत भूस्खलन / मडस्लाइड बाढ़ के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान।  इसके कारण कुछ नदी जलग्रहण क्षेत्रों में नदी में बाढ़ आ सकती है।

अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करने से पहले अपने मार्ग पर यातायात की भीड़ की जाँच करें।  इस संबंध में जारी की गई किसी भी यातायात सलाह का पालन करें।  उन क्षेत्रों में जाने से बचें जो अक्सर जल-जमाव की समस्या का सामना करते हैं।  कमजोर संरचना में रहने से बचें।

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