तालिबान का खतरा: कंधार में भारतीय दूतावास की सिर्फ आपातकालीन सेवाएं रहेंगी चालू, आधा स्टाफ बुलाया वापस

अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी और तालिबान के बढ़ते कब्जे को देखते हुए हिंसा की आशंका के चलते कंधार में भारतीय दूतावास बंद करने की खबरें आईं थीं, जिन्हें राजनयिक सूत्रों ने खारिज कर दिया है। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार ने कंधार में अपना दूतावास बंद नहीं किया है। सुरक्षा कारणों से स्टाफ कम कर दिया है। दूतावास में आपातकालीन सेवाएं खुली रहेंगी। दूतावास को बंद करने की खबरें गलत हैं।

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत ने कंधार में अपना दूतावास बंद कर दिया है।भारतीय वायुसेना की विशेष उड़ान से मिशन में तैनात कम से कम 50 राजनयिकों व आईटीबीपी के जवानों को दिल्ली लाया गया है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि यह कदम एहतियातन उठाया गया है। आशंका है कि तालिबान कंधार को भी निशाने पर ले सकता है। यह शहर पहले आतंकी संगठन का मुख्यालय हुआ करता था। फिलहाल, काबुल में भारतीय दूतावास और बाल्ख प्रांत में मजार-ए-शरीफ पर दूतावास खुले हुए हैं।

तालिबान की धमकी- अफगानिस्तान पर नियंत्रण के लिए दो सप्ताह काफी
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगान सुरक्षा बलों पर भरोसा जताने के ठीक बाद तालिबान ने धमकी दी है कि यदि हम चाहें तो मात्र दो सप्ताह में अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले सकते हैं। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के 85 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण के दावे के तुरंत बाद मॉस्को पहुंचे तालिबानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शहाबुद्दीन दिलावर ने पत्रकारों से कहा कि हमारे पास करीब 75 हजार लड़ाके हैं, जिनका मुकाबला करना अफगानिस्तान के तीन लाख जवानों के वश में नहीं है। बाइडन ने अफगानिस्तान में तालिबान के प्रभाव को नकारते हुए कहा था कि उन्हें अफगान सुरक्षा बलों पर भरोसा है।

इस पर दिलावर ने कहा, ‘हम दो हफ्ते में देश पर नियंत्रण बना सकते हैं, बेहतर है कि विदेशी सेना शांति से अफगानिस्तान छोड़ने के मौके का फायदा उठाए। इस बीच, तालिबान ने पश्चिम अफगानिस्तान में ईरान और चीन से लगे सीमा क्षेत्र में भी कब्जा कर लिया है। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि हमने ईरानी सीमा पर इस्लाम कला के सीमावर्ती शहर और तुर्कमेनिस्तान के तोरघुंडी क्रॉसिंग पर कब्जा कर लिया है।’