संसद का मानसून सत्र आज से: कोविड-किसान और महंगाई के मुद्दे पर केंद्र को घेरने की तैयारी

नई दिल्ली(एजेंसी)। संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू होने जा रहा है। सरकार इस सत्र में कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंटे के साथ सदन में आएगी। वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीके, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। किसान आंदोलन का मुद्दा पिछले सत्र में भी छाया रहा था लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया था। अब देखना है कि क्या इस सत्र में सरकार इस मुद्दे का हल निकालने में कामयाब होती है या नहीं।

संसद के मानसून सत्र से एक दिन पहले रविवार को सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों ने अलग बैठक कर संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, महंगाई, किसान आंदोलन सहित कई मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच दो-दो हाथ होना तय माना जा रहा है। रविवार को विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग(आईयूएमएल), आरएसपी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने भाग लिया।

स्थगन नोटिस की तैयारी

आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन ने कहा कि पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतें, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध अभी सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। इन्हें विपक्ष सत्र के दौरान उठाएगा। उन्होंने कहा कि कई विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों में किसानों के मुद्दे पर स्थगन नोटिस देंगे।

कथित फोन टैपिंग का मुद्दा उठेगा

सूत्रों ने कहा कि कई विपक्षी दल भी अपने नेताओं के कथित फोन टैपिंग को लेकर स्थगन नोटिस देने की योजना बना रहे हैं। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट के जवाब में आरोप लगाया कि कई विपक्षी नेताओं के फोन टैप किए गए।

इन मुद्दों पर होगा टकराव

विपक्षी दल सरकार को कोविड की दूसरी लहर के दौरान सरकार के कथित कुप्रबंधन, किसान आंदोलन, महंगाई और सीमा पर चीन की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे। सत्ता पक्ष भी पूरी तैयारी के साथ पलटवार को तैयार है। विपक्षी दल से जुड़े नेताओं ने संकेत दिया कि कोविड-19 महामारी के प्रबंधन से जुड़े मसले, खास तौर पर राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर भी विपक्ष सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा। हालांकि सरकार ने टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाने का दावा किया, लेकिन उसके पहले और उसके बाद देश भर में टीकाकरण की धीमी गति का मुद्दा भी उठ सकता है। उत्तर प्रदेश के प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा आदि मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है।

अहम बिल पारित होंगे

सरकार ने भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021, पेट्रोलियम और खनिज पाइपलाइन (संशोधन) विधेयक, 2021, बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021, व्यक्तियों की तस्करी (रोकथाम, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक, 2021 और कुछ अन्य विधेयकों को भी सूचीबद्ध किया है। सरकार ने संसद के मानसून सत्र में पेश करने के लिए 17 नए विधेयकों को सूचीबद्ध किया है।

विधेयक की सूची:

-दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021

– सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021

– पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021

– जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021

– आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021- अध्यादेश की जगह लेगा

– राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021 – अध्यादेश की जगह लेगा

– छावनी विधेयक, 2021

– भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2021

– चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स, और कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल, 2021 के साथ और कई अन्य विधेयक हैं।

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