नारायण राणे की गिरफ्तारी के आदेश पर बवाल, बीजेपी और महाराष्ट्र पुलिस आमने-सामने
नासिक: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र के कई पुलिस थानों में एफआईआर दर्ज किए जाने को लेकर अब बीजेपी और राज्य पुलिस आमने-सामने आ गई है। एक तरफ राणे के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश जारी करने वाली नासिक पुलिस ने कहा है कि नियमों का पालन करते हुए ही आदेश जारी किया गया है तो वहीं प्रदेश बीजेपी ने कहा है कि संवैधानिक प्राधिकारियों को संरक्षण देने वाले स्थायी आदेशों के मुताबिक किसी भी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और राज्य सरकार अपनी हदें पार कर रही है।
नासिक पुलिस ने राणे के खिलाफ अपमानजनक और घृणास्पद बयानों की वजह से आईपीसी की धारा 500, 505(2), 153-बी, (1) (सी) के तहत केस दर्ज किया है। यह एफआईआर नासिक में शिवसेना प्रमुख सुधाकर बदगुजर की शिकायत पर मंगलवार सुबह दर्ज की गई है। इसके बाद पुलिस की एक टीम को राणे को गिरफ्तार करने के लिए रत्नागिरी के चिपलुन रवाना कर दिया गया है।
नासिक सिटी पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने कहा कि पुलिस नियमों का पालन कर रही है और कानूनी प्रावधानों के तहत ही गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि एक सांसद को मिली छूट का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा, ‘चूंकि, माननीय केंद्रीय मंत्री राज्यसभा के सदस्य हैं, हम गिरफ्तारी के बाद उच्च सदन के सभापति को उचित समय पर सूचित करने के लिए बाध्य हैं। केंद्रीय मंत्री की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम भेजी गई है। गिरफ्तारी का आदेश इसलिए जारी किया गया है ताकि भविष्य में दोबारा ऐसा काम न हो।’
किस बयान को लेकर है विवाद?
केंद्रीय मंत्री राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़ कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’ राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को संबोधित करते समय ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं।
बीजेपी का क्या है पक्ष?
महाराष्ट्र बीजेपी चीफ चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, केंद्रीय मंत्रियों और संवैधानिक पद पर आसीन किसी भी शख्सियत जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को गिरफ्तारी से छूट प्राप्त है। अधिसूचना के 7वें बिंदु के मुताबिक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री को किसी भी आपराधिक कार्रवाई से सुरक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि राज्य को इस नियम से अवगत होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वह राणे के बयान का समर्थन नहीं करते लेकिन उन्हें सिर्फ चेतावनी दी जानी चाहिए थी।
गिरफ्तारी की अटकलों के बीच राणे ने कहा, ‘मैंने कोई अपराध नहीं किया है। आप खबरों का सत्यापन कर उन्हें टीवी पर दिखाएं नहीं तो मैं आपके (मीडिया के) खिलाफ मामला दर्ज कराऊंगा। कोई अपराध ना करने के बावजूद मीडिया में मेरी ”आसन्न गिरफ्तारी की अटकलें लगाई जा रही हैं। आपको क्या लगता है कि मैं कोई आम आदमी हूं?’