अफगान में तालिबान के आते ही जम्मू-कश्मीर में बढ़ीं चिंताएं, 60 युवाओं के गायब होने से उड़ी सुरक्षा बलों की नींद

जम्मू। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी चिंताएं बढ़ गई हैं। एजेंसियों का कहना है कि कम से कम 6 आतंकी समूहों ने बीते कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की है, जिनका टारगेट कुछ बड़े प्रतिष्ठान या लोग हो सकते हैं। एजेंसियों के मुताबिक ऐसे 25 से 30 आतंकी हैं, जिनकी पड़ताल एजेंसियां कर रही हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर से 60 युवाओं के गायब होने से भी सुरक्षा बलों और एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है। ये लोग बीते कुछ महीनों में गायब हुए हैं और इन्हें लेकर आशंका जताई जा रही है कि ये किसी आतंकी संगठन या फिर तालिबान से ही जुड़ गए हैं।

कश्मीर के टॉप पुलिस अधिकारी विजय कुमार ने कहा कि ये लोग यह कहकर गए थे कि वे किसी से काम जा रहे हैं, लेकिन अब गायब है। यह बड़ी चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के सभी मिसगाइडेड युवाओं से कह रहे हैं कि वे हिंसा छोड़ें और मुख्यधारा में वापसी करें। जम्मू-कश्मीर को लेकर चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि बीते एक महीने में ट्रेंड बदला है और जो घाटी बीते कुछ सालों से शांत थी, वहां एक महीने में हिंसा की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसे अफगानिस्तान में तालिबान का राज स्थापित होने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘बीते एक महीने से हर दिन कोई हमला होता है। चाहे यह अटैक सिक्योरिटी फोर्सेज पर हो या फिर राजनीतिक नेताओं पर हो रहा हो।’ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लॉन्च पैड्स पर आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिसमें पाकिस्तान से सीजफायर के बाद से ही कमी देखी जा रही थी। एजेंसियों का कहना है कि कम से कम 300 आतंकियों ने एक बार फिर से लाइन ऑफ कंट्रोल के आसपास कैंपों में कब्जा जमा लिया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि हम अलर्ट पर हैं और हालात से निपटने को तैयार हैं।

सोशल मीडिया का ट्रेंड भी बढ़ा रहा है चिंता

सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि बीते करीब दो सप्ताह से तालिबान को बधाईयां देने वाले संदेश भी सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं। यह भी चिंताएं बढ़ाने वाली बात है। जम्मू-कश्मीर में एजेंसियां कितनी सतर्क हैं, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 15 दिनों करीब 10 अलर्ट जारी किए जा चुके हैं। 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया था। उसके बाद से ही यह माना जा रहा है कि तालिबान का समर्थन करने वाले और भारत पर निशाना साधने वाले लोग एक बार फिर से एक्टिव हो गए हैं।

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