महंगी हुई बस की यात्रा: अब बालोद से दुर्ग जाने 60 की जगह 80 किराया लगेगा, चार साल पहले 15%, इस बार 25% बढ़ा किराया
दुर्ग। सितंबर के पहले दिन बुधवार से बस में सफर करना 25% महंगा हो जाएगा। मंगलवार को जिला मुख्यालय के नए बस स्टैंड सहित अन्य स्थानों पर दिनभर किराया बढ़ोत्तरी का विषय चर्चा का केंद्र बिंदु बना रहा। बस या किसी भी माध्यम से यहां पहुंचने वाले अधिकांश लोग ड्राइवर, कंडक्टरों से पूछते रहे कि बस किराया कब से बढ़ेगा, तब जवाब मिला बुधवार एक सितंबर से, कहां का कितना किराया बढ़ेगा के सवाल पर सिर्फ एक लाइन में जवाब देते थे अधिकतम 25 प्रतिशत तक, एक-एक स्थान का बता नहीं सकते।
बस किराया में 25% बढ़ोत्तरी की पुष्टि संचालकों, ड्राइवरों, कंडक्टरों ने की है। देर शाम नई दर भी जारी हो गई। ऐसे में आज से 25% के हिसाब से बालोद से दुर्ग तक 60 की जगह 80 रुपए किराया लगेगा। जो ट्रेन की तुलना में दोगुना है। वहीं राजनांदगांव तक के सफर के लिए अब 55 के बजाय 73 रुपए किराया लगेगा। वर्तमान में बालोद से दुर्ग तक का सफर लोग ट्रेन में 40 रुपए में कर रहे हैं। बस ड्राइवर मुकेश ने बताया कि दुर्ग से भानुप्रतापपुर का किराया 100 रुपए लगता था। अब नई दर के अनुसार 125 रुपए लगेगा।
ट्रेन: एक दिन में एक फेरा, इसलिए बसों में भीड़ ज्यादा
जिले के विभिन्न रूट में चलने वाली बसों में रोजाना 12 से 15 हजार यात्री सफर करते है। यह न्यूनतम आंकड़ा संचालकों, ड्राइवरों, कंडक्टरों के अनुसार है। सितंबर माह में तीज त्यौहार का दौर शुरू हो जाएगा। इस दौरान यात्रियों की संख्या दोगुनी हो जाती है, क्योंकि महिलाओं का अपने मायके जाने का सिलसिला चलता है। वहीं वर्तमान में ट्रेन रायपुर तक एक ही फेरा लगा रही है इसलिए बसों में ही दबाव ज्यादा रहेगा। फिलहाल की स्थिति में कई बसें बस स्टैंड परिसर में ही खड़ी है। अब किराया बढ़ने का असर यह भी हो सकता है कि संचालक धीरे-धीरे सभी बसों को सड़क में उतारें। चार साल पहले किराया में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सफर करने वाले यात्रियों के साथ डीजल के दाम भी बढ़ते क्रम पर रहा।
चार साल पहले 15%, इस बार 25% बढ़ा किराया
वर्ष 2017-18 में बस किराया में लगभग 15% की बढ़ोत्तरी हुई थी। तब से अब तक यानी चार साल में डीजल का दाम प्रति लीटर लगभग 35 रुपए बढ़ा है। इस कारण से संचालक लगातार शासन से किराया वृद्धि की मांग कर रहे थे। यूं कहे कि डीजल के दाम बढ़ने का असर अब दिख रहा है। इसका खामियाजा आम लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है। डीजल का दाम बढ़ने और यात्रियों से पहले से तय किराया लेने से रोजाना नुकसान होने का हवाला देकर हाल ही में 40 फीसदी किराया बढ़ाने की जिद पर अड़े बस संचालकों ने महाबंद का ऐलान किया था। जिसके बाद से सुगबुगाहट का दौर चल रहा था कि किराया बढ़ेगा और तीज त्यौहार के पहले शासन की सहमति के बाद ऐसा ही हुआ।
अभी डीजल की कीमत 97.05 रुपए प्रति लीटर
कोरोनाकाल में डीजल के दाम बढ़ने से बस संचालकों को नुकसान हो रहा था। शहर के दल्ली चौक स्थित भाटिया पेट्रोल पंप के मैनेजर भुवन साहू ने बताया कि वर्ष 2017 में 31 अगस्त को डीजल का दाम 62.22 रुपए था। जो इस साल के 31 अगस्त मंगलवार को 97.05 रुपए रहा। इस हिसाब से 4 साल में 34.83 रुपए की बढ़ोत्तरी हो गई है। फिलहाल कई सप्ताह से दाम स्थिर है, घट रहे हैं। दो सप्ताह पहले 98 रुपए पार हो गया था।