छत्तीसगढ़: महासमुंद-धमतरी समेत 5 जिले के 500 किसानों के साथ धोखाधड़ी, निजी कंपनी पर 3 करोड़ रुपये बकाया

महासमुंद: केंद्र और राज्य की सरकारें किसानों की आय दोगुनी करने के लिए नित्य नई योजनायें बना रही है ताकि देश का किसान समृद्धशाली बन सके. पर देश में कुछ ऐसी कम्पनियां भी हैं, जो उन्नत खेती व आय दुगना करने के नाम पर किसानों से धोखाधड़ी करने से भी बाज नहीं आ रही हैं. ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद  जिले में सामने आया है, जहां रैलीज इण्डिया लिमिटेड नामक कम्पनी ने हाईब्रिड धान का बीज किसानों को अपने एजेंटों के माध्यम से वितरित कराया और फसल का उत्पादन लेने के बाद पैसो के लिए महीनों से घुमा रही है. अन्नदाता अपने ही मेहनत की कमाई को पाने के लिए परेशान हैं. किसान और एजेंट अब थक हारकर पुलिस के शरण में इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.

दरअसल रैलीज इण्डिया लिमिटेड बैंगलोर की कम्पनी के एजेंटो ने कम्पनी के पॉलिसी के अनुसार महासमुंद, धमतरी, बलौदाबाजार , बालौद , गरियाबंद के लगभग 500 किसानों को धान की हाईब्रिड वैरायटी MRH2, MRH12, MRH15, 1B , 1B-5, 1B-8 का वितरण वर्ष 2020 रबी सीजन में किया, जिसे किसानों ने हजारों एकड़ में लगाया. बीज लगाने के बाद जब फसल तैयार हो गई तो कम्पनी ने एजेंटों के माध्यम से उत्पादन को हाइब्रिड बीज के मूल्य के अनुसार 3600 रु, 3700रु ,5800रु, 6700 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा लिया. कम्पनी ने किसानों को उत्पादन का कुछ रकम दे भी दिया पर बाकी रुपयों के लिए किसान महिनो से एजेंट व कम्पनी के चक्कर लगा रहे हैं.

3 करोड़ रुपयों का बकाया
सिरपुर के किसान कृपा निषाद ने बताया कि पांच जिलों के 500 किसानों का लगभग 3 करोड़ रुपये बकाया है. रुपयों के अभाव मे किसान अपनी अगली फसल नही लगा पा रहे हैं. परेशान किसान व एजेंट राधेश्याम अब पुलिस के शरण में इंसाफ की गुहार लगा रहे है और उनका कहना है कि पैसे नहीं मिले तो आत्महत्या करना पड़ जायेगा. मामले में किसानों के बचत भुगतान को लेकर रैलीज इण्डिया लिमिटेड के छत्तीसगढ़ हेड संजय जायसवाल जहां गोलमोल जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि नियमानुसार भुगतान की प्रक्रिया की जा रही है. मामले में महासमुंद एसडीओपी नारद सूर्यवंशी शिकायत मिलने की बात स्वीकार करते हुए, जांच के बाद कार्रवाई का भरोसा किसानों को दिया है.

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