दुर्ग: मकान मालिकों को अब किराएदारों की थाने में सूचना देना हुआ अनिवार्य

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दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में लूट और चोरी के साथ अन्य अपराध की घटनाएं बढ़ गई है। जिसके बाद अब पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है। ऐसे में अब मकान और प्रतिष्ठानों में आने वाले किराएदार और नौकरों की सूचना देना मकान मालिक के लिए मात्र औपचारिकता नहीं रहा। इसके लिए एसपी प्रशांत अग्रवाल ने विशेषाधिकार का उपयोग करते हुए इस कानून का पालन करने की अनिवार्यता कर दी है।

लापरवाही करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम में जिले के पुलिस अधीक्षक को कुछ विशेषाधिकार दिए गए हैं। जिसमें उन्हें विशेष परिस्थितियों में जिले के लिए नियम बनाने का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में धारा 34 (6) भी आती है। इसमें जिलेभर के मकान मालिकों को अपने प्रतिष्ठान और घर में नौकर और किराएदार रखे जाने की सूचना अपने-अपने क्षेत्र के थानों को देना अनिवार्य है।

एसपी ने इसलिए लागू की ये नई व्यवस्था
पिछले दिनों किराए के मकान में हाईप्रोफाइल क्रिकेट सट्‌टा पकड़ा गया था। वहीं जामुल क्षेत्र के कोहका में नकली नोट बनाने का कारोबार जैसे गंभीर अपराध पकड़े गए थे। सभी प्रकरणों में अपराधियों ने यहां किराए पर मकान ले रखा था। लेकिन मकान मालिकों ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी थी। जिससे वे बेधड़क अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे थे। जबकि मकान मालिक और पुलिस को उनकी इन करतूतों को पता ही नहीं था।

ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से दे सकते हैं जानकारी
एडिशनल एसपी संजय ध्रुव ने बताया कि, दुर्ग जिले में थानावार जानकारी का पंजीयन किया जाएगा। यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन करा सकते है। पुलिस को उम्मीद है कि इस पहल से अपराधी किराएदार बनकर छिप नहीं सकेंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए durgpolice.cg.in वेबसाइट पर फॉर्म डाउनलोड कर सकते है। संबंधित थानों से भी मुफ्त में फॉर्म लिया जा सकता है। 1 अक्टूबर 2021 के बाद से नए किराएदार के रखने से 15 दिनों के अंदर जानकारी उपलब्ध करानी होगी। जिसके तहत प्रोफार्मा के अनुसार ऑनलाइन और ऑफलाइन किराएदार की जानकारी की मकान मालिक द्वारा दिया जाना आवश्यक है।
पुलिस का कहना है कि यह फॉर्म किराए में निवासरत व्यक्तियों की जानकारी के लिए है न कि किराए पर चल रही दुकानों या दुकानदारों के लिए है। पुलिस का मानना है कि दुर्ग-भिलाई मिनी इंडिया के रुप में जाना जाता है। यहां बाहर से बड़ी संख्या में लोग आकर रहते हैं। इसमें ही ऐसे लोग भी आ जाते हैं जिनका आपराधिक रिकार्ड रहता है या वे अपराध करने यहां आए होते हैं। इस रजिस्ट्रेशन के अनिवार्य होने से अपराध में कमी आएगी।

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