सायबर फ्रॉड: सोशल मीडिया के जरिए इंटरनेट स्पीड या 5 जी नेटवर्क की सुविधा दिलाने के बहाने हो रही ठगी
दुर्ग। मोबाइल की इंटरनेट स्पीड बढ़ाने और 5 जी नेटवर्क की सुविधा देने के बहाने सायबर फ्रॉड के मामले में सामने आए हैं। इसे लेकर कुछ ठग सोशल मीडिया मीडिया में सक्रिय हो गए हैं, जो इस तरह से ऑनलाइन फ्रॉड कर लोगों के बैंक खाते खाली कर दे रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायत के बाद जिला पुलिस को इसे लेकर एडवाइजरी जारी करनी पड़ी है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया व कोई भी अननोन नंबर से फोन आने पर दी जाने वाली सलाह अपने मोबाइल पर एप्लाई न करें। इसके जरिए ठगी हो रही है। इस तरह की ठगी से बचने के लिए मोबाइल यूजर्स से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें। इंस्टेंट मैसेजिंग एप पर टू स्टेप वैरिफ़िकेशन कोड एक्टिव रखें। इसके साथ मोबाइल के सेटिंग में जाकर कॉल फार्वड के विकल्प को बंद कर दें। कॉल फार्वड होने की आशंका पर सर्विस प्रोवाइडर से अपने नंबर की दूसरी सीम इशू कराएं। एक्सपर्ट के मुताबिक ठग तीन डिजिट के नंबर के साथ अपना मोबाइल नंबर लिखवा कर नंबर डायल करवाते हैं। डायल करने के बाद नंबर फार्वड हो जाता है।
पुलिस ने जारी की एडवाइजरी : नए नंबर से आने वाले फोन पर सतर्कता बरतना जरूरी
कोड के साथ मोबाइल नंबर कराते हैं डायल
सायबर एक्सपर्ट गौरव तिवारी ने बताया कि ठग खुद को सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का कर्मचारी बताकर यूजर्स से संपर्क करते हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड बढ़ाने का झांसा देकर *401* के साथ अपना मोबाइल नंबर लिखवाकर डायल करवाते है। डायल करने के बाद तीन डिजिट के यूनिक कोड के कारण नंबर ठग के नंबर पर पहुंच जाता है।
पेमेंट वॉलेट और मैसेजिंग एप के जरिए हो रही ठगी
यूजर के मोबाइल नंबर के जरिए ठग आसानी से अपने मोबाइल पर पेमेंट वॉलेट और मैसेजिंग एप डाउनलोड कर लेते है। इससे यूजर के वॉलेट और मैसेजिंग एप की पूरी जानकारी बैकअप के साथ ठग के पास पहुंच जाती है। मैसेजिंग एप के जरिए ठग परिचितों से अलग अलग बहाना बनाकर पैसे मंगवा लेते है। परिचितों को मैसेज मिलने पर लगता है कि यूजर ने भेजा है।
निजी तस्वीर और वीडियो का भी गलत उपयोग संभव
एक्सपर्ट के मुताबिक मैसेजिंग एप पर अगर टू वे वैरिफिकेशन नहीं होता है तो ठग आसानी से यूजर के नंबर से एप को अपने मोबाइल पर इंस्टाल कर लेता है। इंस्टालेशन के दौरान बैकअप भी ठग के पास पहुंच जाता है। जिससे यूजर्स के निजी तस्वीर और वीडियो भी ठग के पास पहुंच जाती है। ठग यूजर के निजी तस्वीर और वीडियो का गलत इस्तेमाल कर सकता है।