पिछले सत्र में तेज उछाल के बाद आज कम हुई सोने की वायदा कीमत, इतना है दाम
नई दिल्ली। आज सोमवार को घरेलू बाजार में सोने की वायदा कीमत में गिरावट आई, वहीं चांदी की कीमत सपाट रही। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.15 फीसदी गिरकर 47,451 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले सत्र में यह एक महीने के उच्च स्तर के करीब पहुंच गया था। चांदी की बात करें, तो यह 65,261 रुपये प्रति किलोग्राम पर सपाट रही। पिछले सत्र में सोना 500 रुपये महंगा हुआ था और चांदी में 1900 रुपये की वृद्धि हुई थी। पीली धातु पिछले साल के उच्चतम स्तर (56200 रुपये प्रति 10 ग्राम) से अब भी 8749 रुपये नीचे है। मालूम हो कि भारत में सोने की कीमतों में 10.75 फीसदी आयात शुल्क और तीन फीसदी जीएसटी शामिल होता है। सोने को मुद्रास्फीति और मुद्रा की गिरावट के खिलाफ बचाव के रूप में देखा जाता है। असमान वैश्विक आर्थिक सुधार और डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव से कीमती धातुओं की कीमत प्रभावित होती है।
अप्रैल-जून तिमाही में बढ़ी सोने की मांग
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अप्रैल-जून तिमाही में भारत में सोने की मांग 19.2 फीसदी बढ़ी और यह 76.1 टन पर पहुंच गई। पिछले साल महामारी को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट ‘2021 की दूसरी तिमाही में सोने की मांग के रुझान’ में कहा गया कि कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में सोने की कुल मांग 63.8 टन थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कीमत के लिहाज से भारत में सोने की मांग समीक्षाधीन अवधि में 23 फीसदी बढ़ी और यह 32,810 करोड़ रुपये हो गई। साल 2020 की समान अवधि में यह आंकड़ा 26,600 करोड़ रुपये था।
बीते साल 35 फीसदी से अधिक घटी सोने की मांग
वहीं देश की सोने की मांग बीते साल यानी 2020 में 35 फीसदी से अधिक घटकर 446.4 टन रह गई थी। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। डब्ल्यूजीसी की 2020 की सोने की मांग के रुख पर रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन और बहुमूल्य धातुओं के दाम अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने के बीच सोने की मांग में गिरावट आई। हालांकि, इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अब स्थिति सामान्य हो रही है और साथ ही सतत सुधारों से उद्योग मजबूत हुआ है। ऐसे में इस साल 2021 में सोने की मांग में सुधार की उम्मीद है।