कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों का सहारा बनेगी सरकार, छात्रवृत्ति देने के साथ उठाएगी पढ़ाई का खर्च
रायपुर। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए महतारी दुलारी योजना के तहत प्रस्ताव भेजा गया है. स्क्रूटनी के बाद प्रदेश के 5419 विद्यार्थियों को योजना के तहत शामिल किया गया है, जिनकी छात्रवृत्ति से लेकर पढ़ाई तक का खर्चा सरकार उठाएगी. इनमें से कक्षा आठवीं तक पढ़ने वाले छात्रों को 500 रुपए और कक्षा नौवीं-बारहवीं तक एक हज़ार रुपए छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है.
शिक्षा विभाग सहायक संचालक एन बंजारा ने बताया कि महतारी दुलारी योजना में प्रस्ताव भेजा दिया गया है. कमेटी के स्क्रूटनी के बाद कोरोना काल में अनाथ हुए 5419 विद्यार्थियों का नाम प्रस्ताव में शामिल किया गया है. इनमें शासकीय स्कूल में 2500 तो वहीं प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत 2856 विद्यार्थियों को शामिल किया गया है. इसमें से अकेले रायपुर से 818 विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा.
प्रदेश सरकार का एलान
महतारी दुलारी योजना के तहत कक्षा एक से कक्षा 12वीं तक अनाथ बच्चे के छात्रवृत्ति देने से लेकर पढ़ाई का ख़र्चा उठाने का सरकार ने घोषणा किया था. प्रदेश में 13 हज़ार से ज़्यादा लोगों की कोरोना से मौत हूई है.
मंज़ूरी का इंतज़ार
योजना के लिए आवेदन करने वाले प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में से 2856 पात्र पाए गए हैं. फ़िलहाल, ये छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं, इनके शिक्षा शुल्क के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. प्रस्ताव पास होने के बाद शिक्षा शुल्क के लिए पात्र हो जाएँगे.
योजना से लाभान्वित होने वाले छात्रों की जिलेवार सूची…