Agni-V से कहां-कहां तक झुलसेंगे दुश्मन, मिसाइल की ताकत पर एक नजर

नई दिल्ली। 27 अक्टूबर को भारत ने ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अग्नि V इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर तैयार किया है। इसकी रेंज 5000 किलोमीटर है। यह बेहद उच्च स्तर सटीकता के साथ टारगेट को ध्वस्त कर सकता है। इसे ट्रक के जरिए भी किसी जगह पहुंचाया जा सकता है। अब तक इस खतरनाक मिसाइल के 7 टेस्ट किए जा चुके थे। 27 अक्टूबर को इसका यूजर ट्रायल किया गया है। इसका परीक्षण ऐसे वक्त में किया गया है जब लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के साथ तनाव बना हुआ है। आइए इस विध्वंसक मिसाइल के बारे में विस्तार से जानते हैं।

अग्नि V से पहले भारत के पास कोई ऐसा मिसाइल नहीं था जो चीन के बड़े शहरों को टारगेट कर सके। अब अग्नि V के जरिए भारत चीन के सबसे प्रमुख सेंटर्स को तबाह कर सकता है। भारत इस मिसाइल से यूरोप के भी अधिकतर इलाकों को तबाह कर सकता है। हालांकि भारत सरकार ने साफ कहा है कि अग्नि V ‘नो फर्स्ट यूज’ पॉलिसी पर काम करेगी। माने किसी भी हाल में भारत पहले इस मिसाइल को लॉन्च नहीं करेगा। अगर दुश्मन देश ऐसी कोई मिसाइल भारत पर दागते हैं तो भारत अग्नि V को लॉन्च करने को आजाद होगा।

अग्नि V, अग्नि III का अपग्रेडेड वर्शन है। इसकी रेंज 5000 किलोमीटर की बताई जाती है हालांकि कई रिपोर्ट्स 8000 किलोमीटर तक इसकी रेंज बताते हैं। अग्नि V का सबसे पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था। अब तक 7 बार अग्नि V का सफल परीक्षण हो चुका है। हर परीक्षण में इसे कई स्तर पर जांचा जा चुका है। अग्नि V 3-स्टेज मिसाइल है जो 17 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है। यह 1.5 टन न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने में सक्षम है। नेविगेशन, गाइडेंस, वॉरहेड और इंजन के मामले में अग्नि 5 नवीनतम और सबसे एडवांस वेरिएंट है। अग्नि V के सेना में शामिल होने के साथ ही भारत अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों के एक क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं।

अग्नि V मिसाइल का वजन करीब 50 हजार किलोग्राम है। इसके ऊपर 1500 किलोग्राम तक का न्यूक्लियर हथियार लगाया जा सकता है। इसकी रफ्तार करीब 30 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की है। इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस जैसे अत्याधुनिक सिस्टम लगे हुए हैं। इसकी सबसे खास बात इसकी सटीकता बताई जा रही है। सटीकता के साथ ही मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स (MIRV) को गेम चेंजर बताया जा रहा है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए मिसाइल के ऊपर लगाए जाने वॉरहेड में एक हथियार के बदले कई हथियार लगाए जा सकते हैं। यानी एक मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना लगा सकता है। चीन और पाकिस्तान जैसे अग्नि-V मिसाइल को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। एक्सपर्ट्स चीन की नाराजगी का सबसे कारण अग्नि-V के जद में पूरे चीन को आना मानते हैं।

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