आज 7.5 लाख दीयों से जगमगाएगी अयोध्‍या; रामनगरी में फिर बनेगा रिकॉर्ड

deepotsav-2018-12-

अयोध्‍या। लंका विजय और वनवास समाप्ति के बाद भगवान राम के अयोध्‍या वापस लौटने की खुशी के दीपोत्‍सव में आज रामनगरी साढ़े सात लाख दीयों से जगमगाएगी। राम की पैड़ी पर आयोजित इस भव्‍य दीपोत्‍सव कार्यक्रम में 36 हजार लीटर तेल का इस्‍तेमाल होगा। 12 हजार वॉलिंटियर आज एक नया वर्ल्‍ड रिकार्ड बनाएंगे जिसे दुनिया के कोने-कोने से लोग देखेंगे।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सूबे की सत्‍ता संभालने के बाद पहले साल में ही यानी 2017 में ही दीपोत्‍सव कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उस साल करीब 1.80 लाख दीये जलाए गए थे। 2018 में दीयों की संख्‍या बढ़कर 3,01,152 हो गई। इसी तरह 2019 में भी संख्‍या बढ़ी। इस बार 5.50 लाख दीये जलाए गए। 2020 में 5.51 लाख दीये जले और इस साल साढ़े सात लाख दीयों से पूराने सारे रिकार्ड तोड़े जाने हैं। इसके साथ ही योगी सरकार एक नया कीर्तिमान भी बनाएगी।

बड़े पैमाने पर की गई है तैयारी 

साढ़े सात लाख दीयों को जलाकर अपने ही विश्व रिकार्ड को तोड़ने और नया कीर्तिमान बनाने के लिए अयोध्या ने कमर कस ली है। इस कार्य के लिए अवध विश्वविद्यालय की पूरी टीम बीते दो दिन से कड़ी मेहनत कर कर रही है। इसी परिश्रम का नतीजा है कि रामपैड़ी के 32 घाटों पर मंगलवार को निर्धारित संख्या में नौ लाख दीये को विधिपूर्वक बिछाने का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। दीपोत्सव का मुख्य पर्व हनुमान जयंती के अवसर पर बुधवार को मनाया जाएगा। इस दीपोत्सव के मुख्य अतिथि केन्द्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी होंगे। इस मौके पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री समेत केन्या, वियतनाम व ट्रिनिडाड-टुबैगो के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे।

व्यवस्था में दो सौ समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक और 32 प्रभारी नियुक्त

अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने 12 हजार वालंटियर के सहयोग से घाट समन्वयक एवं प्रभारी के दिशा-निर्देशन में दूसरे दिन मंगलवार को निश्चित पैटर्न पर दीए बिछाने का कार्य पूरा कर लिया। इन दीयों में बुधवार को ही तेल डालने और जलाने का काम होगा इस बार के दीपोत्सव में 32 घाटों पर लगभग दो सौ समन्वयक, 32 पर्यवेक्षक एवं 32 प्रभारी नियुक्त किए है। दीपोत्सव में प्रत्येक वालंटियर को लगभग 75 दीए जलाने का लक्ष्य दिया गया है। पूर्वाह्न नौ बजे से घाटों पर वालंटियर अपने घाटों पर मुस्तैद रहे और सुनिश्चित पैटर्न पर दीए लगाने का कार्य शुरू कर दिया।

वालंटियर की सुविधा के लिए किया गया बस का प्रबंध

राम पैड़ी के घाट नम्बर दो पर आजादी के अमृत महोत्सव का पैटर्न दिया गया। घाट नम्बर तीन व चार पर केवट व राम- रावण युद्ध के पैटर्न, घाट नम्बर पांच व छह पर राम भक्त हनुमान एवं एक भारत श्रेष्ठ भारत का पैटर्न बनाया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने दीपोत्सव का भव्य बनाने के लिए दीपोत्सव के पदधिकारियों को कोविड प्रोटोकाल के साथ सुरक्षा निर्देशों के अनुपालन की हिदायत दी। वालंटियर को आने व जाने में कोई असुविधा न हो इसके लिए बसों का इंतजाम किया गया है। विश्वविद्यालय से तय समय पर बस को राम की पैड़ी पर रवाना किया जाएगा। कोविड-19 के नियमों से सभी वालंटियर को अवगत करा दिया गया है। नोडल अधिकारी प्रो. शैलेन्द्र वर्मा ने बताया कि वालंटियर परिचय पत्र के साथ सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।

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