छत्तीसगढ़ में पड़ोसी राज्यों से 50 हजार टन धान आने की आशंका, 7 जिलों में नाकेबंदी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी एक दिसंबर से शुरू होगी। इससे पहले ही दूसरे राज्यों से लगभग 30 से 50 हजार टन धान आने की आशंका है। एक साल पहले 31 हजार टन से अधिक धान पकड़ा गया था। इसे रोकने के लिए प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों के धान खरीदी केंद्रों पर विशेष निगरानी की जाएगी।

इसके लिए महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, सुकमा, राजनांदगांव, कवर्धा और जशपुर की सीमाओं पर नाकों के साथ कैमरे लगाए जाएंगे। अवैध धान रोकने पहली बार ऐसी मॉनिटरिंग की जाएगी। दूसरी ओर, इस सीजन में एक करोड़ पांच लाख टन से अधिक धान खरीदने की तैयारी की गई है। धान बेचने अब तक लगभग 22 लाख 66 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है,जो पिछले साल की तुलना में एक लाख ज्यादा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के कारण पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग सवा लाख ज्यादा किसान अपना धान बेचेंगे।

दो साल में अवैध परिवहन के ढाई हजार से अधिक मामले
दो साल पहले 2019 में पड़ोसी राज्यों से अवैध तरीके से धान परिवहन के 2438 मामले सामने आए थे। इस दौरान 31 हजार टन अवैध धान पकड़ा गया था और 280 वाहनों को जब्त किया गया था। कमोबेस हर साल इसी तरह की स्थिति रहती है। पिछले साल भाटापारा जिले में धान के अवैध परिवहन के 73 मामले पंजीबद्ध किए गए और 12 हजार 305 क्विंटल धान जब्त किया गया। इसी तरह गरियाबंद, जशपुर आदि जिलों में भी पड़ोसी राज्यों से आने वाली खेप पकड़ी गई। जशपुर जिले में झारखंड राज्य के बरवाडीह से अवैध धान की आवक पकड़ी गई थी। इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में 12 चेकपोस्ट भी बनाए गए थे। बता दें कि राज्य सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार द्वारा तय दर पर ही धान खरीदी की जाने लगी और शेष राशि प्रोत्साहन राशि के रूप में सीधे किसानों के खाते में जमा की जाती है।

2311 सहकारी समितियों में खरीदी
प्रदेश में लगभग 2311 से अधिक सहकारी केन्द्रों से 105 लाख टन धान खरीदने का अनुमान है। इस साल 1.13 लाख नए किसानों ने पंजीयन कराया है। अभी तक धान विक्रय के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या 22 लाख 66 हजार से अधिक हो गए हैं। धान खरीदी के लिए सवा पांच लाख गठान से अधिक बारदाने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए मिलर्स, पीडीएस, जूट कमिश्नर से बारदानों की व्यवस्था की जा रही है।