जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक नई याचिका की दायर, कहा- आय से अधिक संपत्ति और देशद्रोह का मामला गैरकानूनी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित व निलंबित IPS  है। इसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक प्रकरणों को चुनौती देते हुए FIR निरस्त करने की मांग की है। याचिका में उन्होंने राज्य शासन की कार्रवाई को गैरकानूनी बताया है। इस मामले की 16 नवंबर को सुनवाई होगी।

आय से अधिक संपत्ति व राजद्रोह के मामले में फंसे प्रदेश के IPS जीपी सिंह दोबारा हाईकोर्ट की शरण में आ गए हैं। दरअसल, उन्होंने अपने खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह के केस को चुनौती दी है। इसमें उन्होंने बताया है कि बतौर IPS 19 साल से सेवा कर रहे हैं। इस दौरान राज्य सरकार ने उनके उत्कृष्ट कार्यों की सराहना की और उनके बेहतर कार्यों को देखकर ही कई अवॉर्ड भी दिए गए। लेकिन, अचानक ऐसा क्या हो गया कि रातों रात उन्हें भ्रष्टाचार का आरोपी बना दिया गया। याचिका में उन्होंने कहा है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले के साथ ही राजद्रोह के प्रकरण में सुनियोजित तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने याचिका में FIR के तथ्यों को बेबुनियाद और आधारहीन बताते हुए पूरी कार्रवाई को रद्द करने की मांग की है।

जीपी सिंह के अधिवक्ता आशुतोष पांडेय ने करीब 250 पेज की याचिका दायर की है। इसमें मुख्य रूप से बताया गया है कि किसी भी राजपत्रित व सिविल सेवा के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के पूर्व जरूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है। धारा 17 (क) के तहत सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेना जरूरी है, लेकिन जीपी सिंह के खिलाफ की गई कार्रवाई में न तो सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति ली गई है और न ही केंद्रीय कार्मिक विभाग से अनुमति ली है। यही वजह है कि शासन की यह पूरी कार्रवाई दूषित व गैरकानूनी है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों का भी हवाला दिया गया है।