मध्य प्रदेश: हबीबगंज रेलवे स्टेशन कहलाएगा रानी कमलापति स्टेशन, केंद्र ने राज्य के प्रस्ताव को दी मंजूरी

भोपाल। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर आदिवासी रानी- रानी कमलापति के नाम पर रखने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि रानी कमलापति गोंड समुदाय का गौरव थीं। वह आखिरी हिंदू रानी थीं।

इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी। प्रस्ताव के मुताबिक, शिवराज सरकार इस स्टेशन का नाम बदलना चाहती थी। इसके लिए गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखी गई है और बिना किसी देरी के नाम बदलने का अनुरोध किया गया है। गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजा था, जिसने इस संबंध में औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है।

जानकारी के मुताबिक, हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम 15 नवंबर को बदलने का एलान किया जाएगा।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर इस दिन भोपाल में ही होंगे। शिवराज सरकार 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने की घोषणा कर चुकी है। इसके लिए महासम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है। ऐसे में पीएम खुद भोपाल से स्टेशन का नाम बदलने का एलान करेंगे। हबीबगंज स्टेशन का पुनर्विकास 100 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। इसका लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी 15 नवंबर को करेंगे।

कौन हैं रानी कमलापति?
रानी कमलापति 16वीं सदी में गोंड राजवंश की रानी रहीं। भोपाल में गोंड राजवंश का शासन था और रानी कमलापति ने आक्रांताओं से क्षेत्र की बहादुरी से रक्षा की थी। मध्य प्रदेश सरकार की चिट्ठी में भी रानी कमलापति की बहादुरी का जिक्र किया गया है और कहा गया कि रानी कमलापति ने जीवनभर अत्यंत बहादुरी और वीरता के साथ आक्रमणकारियों का सामना किया था। उनकी स्मृतियों को सहेजने और उनके बलिदान के प्रति कृतज्ञता के लिए राज्य सरकार ने भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम से रखने का निर्णय लिया है।

ठुकराई गई सांसद प्रज्ञा ठाकुर की मांग
इससे पहले भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की थी। उन्होंने पीएम की तरफ से आधुनिक स्टेशन के लोकार्पण के दौरान इस नाम के एलान की मांग भी उठाई थी। हालांकि, राज्य सरकार ने स्टेशन का नाम रानी कमलापति पर रखने का प्रस्ताव देकर प्रज्ञा ठाकुर की मांग को दरकिनार कर दिया।