मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई: रायपुर से दो और महाराष्ट्र से दो डायरेक्टर गिरफ्तार, चिटफंड कंपनियों के संचालकों की गुप्त प्रॉपर्टी की जाएगी उजागर


रायपुर। छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों की प्रॉपर्टी नीलाम और कुर्क करने कार्रवाई के बीच पुलिस अब उनका फोरेंसिक ऑडिट करेगी। फोरेंसिक ऑडिट से चिटफंड कंपनियों की गुप्त प्रॉपर्टी और शैल कंपनियों में किए गए निवेश का पता लगाएगी। पुलिस को शक है कि कई कंपनियों ने लोगों के पैसे शैल कंपनियों में इनवेस्ट किए हैं। इस वजह उन पैसों और प्रॉपर्टी का पता नहीं चल पा रहा है।
संभवत: ऐसा पहली बार फोरेंसिक ऑडिट होगा, जो साइंटिफिक और हाईटेक होगी। वहीं चिटफंड कंपनियों के फरार डायरेक्टरों पर सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस बीच, रायपुर पुलिस ने गुरुवार को गोल्ड की इंफ्रावेंचर के फरार दो डायरेक्टर धनेश कुमार वर्मा और गोवर्धन प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही चिटफंड कंपनी बीएन गोल्ड के डायरेक्टर अनिल शर्मा व आनंद निर्मलकर को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है। सरकार की सख्ती के बाद अब एक-एक कंपनी और डायरेक्टरों के खातों को खंगाला जाएगा। जरूरत पड़ने पर रिश्तेदारों के खातों की भी जांच की जाएगी। इस दौरान ये चेक किया जाएगा कि उनके खाते में कहां से पैसे आए? पैसे किन खातों या कंपनियों में ट्रांसफर किए गए? इसका पता लगाया जाएगा।
रायपुर में 47 केस, 2.40 लाख से ज्यादा अर्जियां
अगस्त में चिटफंड कंपनियों में जिन लोगों के पैसे डूबे हैं, उनसे आवेदन मंगाए गए थे। इसमें पीड़ितों को निवेश की गई रकम, कंपनी का बांड पेपर और बैंक खाता नंबर देना था। लोगों ने पैसे मिलने की उम्मीद पर अपने आवेदन के साथ चिटफंड कंपनी से संबंधित एक-एक दस्तावेज जमा कर दिए हैं। रायपुर जिले में ही 47 मामलों में 2.40 लाख से ज्यादा अर्जियां जमा की गईं हैं। इन आवेदनों की ऑनलाइन इंट्री की जा रही है। इससे पता चल सकेगा कि किस चिटफंड कंपनी के कितने निवेशकों को कितनी रकम वापस करनी है।
अब तक सात डायरेक्टर्स की हो चुकी है गिरफ्तारी
बलौदाबाजार से फरार 2 डायरेक्टरों को पकड़ने के बाद रायपुर पुलिस ने भी 2 चिटफंड डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया है। इस कंपनी के खिलाफ धरसींवा के किसान सनद कुमार साहू ने डीडी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। गौरतलब है कि अब तक 7 चिटफंड डायरेक्टर्स की गिरफ्तारी की जा चुकी है। वहीं अन्य राज्यों की जेलों में बंद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी कराकर राजस्थान, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, यूपी समेत अन्य राज्यों में पुिलस टीम को भेजी गई है।