आंदोलन कर रहे शिक्षकों पर सरकार सख्त, संचालनालय ने मांगी आंदोलनकारियों की जानकारी

रायपुर। वेतन विसंगति के मुद्दे पर आंदोलन कर रहे शिक्षकों पर सरकार सख्त हो गई है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की जानकारी मांगी है, जो धरना प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। बिना सूचना गायब रहने वाले ऐसे शिक्षकों का अवकाश मंजूर न करने को भी कहा गया है। अनुपस्थित शिक्षकों को नियमानुसार कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने को भी कहा गया है। साथ ही कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन संचालनालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में कहा गया है कि विगत दो सत्र में कोविड-19 वायरस के प्रकोप के कारण स्कूलों में पढ़ाई बाधित रही है। स्कूलों के खुलने के बाद यह अपेक्षा थी कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसे शिक्षकों द्वारा सुचारु रूप से अध्यापन किए जाने से पूर्ति होगी। इसके बाद भी सहायक शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी अपनी मांगों के लिए रायपुर में धरना प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश भर के कई जिलों में शिक्षक 11 दिसंबर से आंदोलन कर रहे हैं।

सोमवार को प्रदेश भर के शिक्षक रायपुर में इकट्‌ठा हुए। बाद में विधानसभा घेराव की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें शहर में ही रोक लिया। आंदोलनकारी शिक्षकों ने बताया कि प्रदेश में शिक्षकों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है। वर्ग 1-2 और 3 वर्ग में काम करने वाले शिक्षकों को व्याख्याता एलबी कहा जाता है। वर्ग 2 के शिक्षकों को शिक्षक एलबी कहा जाता है, जिनका ग्रेड पे 4400 रुपए निर्धारित है। वहीं वर्ग 3 में काम करने वाले शिक्षकों को सहायक शिक्षक एलबी कहा जाता है, जिनका ग्रेड पे 2400 रुपए निर्धारित है। इसके चलते वर्ग 2 और वर्ग 3 के सहायक शिक्षकों के वेतन में प्रति माह लगभग 12 हजार रुपए का अंतर आ जाता है। सहायक शिक्षकों की मांग है कि इस अंतर को कम कर एक हजार से दो हजार रुपए तक किया जाए।