जिलाधिकारी पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना, कहा- साहस देखिए, कह रहे हैं कि जानकारी नहीं
पटना: पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी कुमार प्रणव पर दस हजार रुपये का दंड लगाया है। न्यायाधीश पीबी बजनथ्री ने राम शोभित पासवान की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया। एकलपीठ ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह अपनी जेब से दंड की राशि को बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पटना में जमा कराएं। जिलाधिकारी ने इसी वर्ष पांच जनवरी को मुजफ्फरपुर में पदभार ग्रहण किया है। याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी द्वारा पारित आदेश को आंशिक तौर से रद करने को लेकर याचिका दायर की है। अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।
याचिकाकर्ता की नियुक्ति दलपति के पद पर की गई थी। बाद में उसे पंचायत सेवक के पद पर तैनात किया गया, लेकिन पारस राय नाम के एक व्यक्ति ने नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसका कहना है कि याचिकाकर्ता की दलपति पद पर नियुक्ति पंचायत की कार्यकारी कमेटी द्वारा नहीं की गई है। इसलिए यह गैरकानूनी है। ऐसे में पंचायत सेवक पद पर नियुक्ति भी वैध नहीं है।
- मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने जानकारी होने से किया था इनकार
- जवाबी हलफनामा तीन साल से उनके कार्यालय में ही पड़ा रह गया
- पांच जनवरी को मुजफ्फरपुर में कुमार प्रणव ने पदभार किया था ग्रहण
- डीएम द्वारा पारित आदेश को आंशिक तौर से रद करने पर याचिका
पटना हाई कोर्ट ने जताया आश्चर्य
सुनवाई के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी, जबकि जवाबी हलफनामा तैयार किए जाने के बाद भी 2018 से ही जिलाधिकारी कार्यालय में पड़ा रहा। कोर्ट के नौ दिसंबर के आदेश के बाद ही दायर किया गया। कोर्ट ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि डीएम का साहस देखिए कि कह रहे हैं कि उन्हें कोई जानकारी नहीं। याचिकाकर्ता की अधिवक्ता वागीशा प्रज्ञा ने बताया कि उन्हें अभी भी जवाबी हलफनामा की कापी नहीं मिली है।