फर्जी वेबसाइट बनाकर की ठगी: असली एजेंट था, पर ठगने को बना रखी थी फर्जी वेबसाइट

नकली वेबसाइट: yatra dot com‎

महासमुन्द।‎ ठगी का मामला दर्ज होने के बाद‎ पुलिस ने इसकी जांच शुरू की। साथ‎ ही एसपी के निर्देशन में आरोपी तक‎ पहुंचने के लिए साइबर सेल और‎ पिथौरा थाना की संयुक्त टीम बनाई‎ गई। टीम ने प्रार्थी द्वारा दिए गए एजेंट‎ रमेश कुमार यादव और महिला‎ कर्मचारी का मोबाइल नंबर के साथ‎ ही महिला कर्मचारी के बैंक अकाउंट‎ नंबर की जांच शुरू की। इन मोबाइल‎ नंबर्स और अकाउंट नंबर के आधार‎ पर जब जांच शुरू की गई तो पाया‎ गया कि दोनों नंबर रमेश कुमार के ही‎ थे और अकाउंट नंबर भी उसी का‎ था। इसके बाद टीम ने लखनऊ पहुंची‎ और रमेश के बारे में सभी जानकारी‎ एकत्रित की गई। इस दौरान पता चला‎ ‎ कि रमेश वास्तव में यात्रा डॉट कॉम‎ का एजेंट है, लेकिन उसने ठगी की‎ घटना को अंजाम देने के लिए Yatra‎ dot com नामक फर्जी वेबसाइट‎ तैयार किया था। इनका ऑफिस‎ सुशान्त गोल्फ सिटी अंसल लखनऊ‎ था, जहां ताला बंद था। आखिरकार‎ स्थानीय मुखबिर की मदद से टीम ने‎ रमेश को पकड़ लिया। इसके बाद‎ टीम ने आरोपी को लखनऊ के‎ न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड‎ लेकर महामसुंद पहुंची और यहां‎ न्यायालय में पेश किया। आरोपी को‎ पकड़ने वाली टीम में थाना प्रभारी‎ पिथौरा केशव कोसले, साइबर सेल‎ प्रभारी संजय सिंह राजपूत, एएसआई‎ प्रकाश चंद शामिल थे।‎

महासमुंद‎ ट्रैवल एजेंसी की फर्जी वेबसाइट‎ ‎ बनाकर ठगी करने‎ ‎ वाले एक आरोपी‎ ‎ को पुलिस ने उत्तर‎ ‎ प्रदेश के लखनऊ‎ ‎ से गिरफ्तार किया‎ ‎ है। मामला पिथौरा‎ ‎ थाना क्षेत्र का है।‎ ‎ प्रार्थी की शिकायत‎ पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया‎ था। जानकारी के मुताबिक मामला‎ करीब दो साल पुराना है। पिथौरा थाना‎ क्षेत्र के ग्राम राजा सेवईया खुर्द‎ निवासी रिवशंकर पाढी, पिता‎ सत्यनारायण पाढ़ी ने थाना पहुंचकर‎ ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।‎ भुक्तभोगी ने अपनी शिकायत में‎ बताया था कि उसने पिथौरा से‎ ‎ सिंगापुर पर्यटन के लिए अपने‎ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी के ‎ ‎ जरिए ऑनलाइन माध्यम से यात्रा डॉट ‎ ‎ काॅम नामक वेबसाइट पर सर्च किया। ‎ ‎ सर्च के बाद लखनऊ के एजेंट रमेश ‎ ‎ कुमार यादव ने सबसे पहले प्रार्थी से ‎ ‎ संपर्क किया और पैकेज सहित अन्य ‎ ‎ सभी जानकारी साझा की। इसके साथ‎ ही रमेश कुमार ने कहा कि कंपनी की ‎ ‎ महिला कर्मचारी उनसे फोन कर‎ संपर्क करेगी। रमेश कुमार के बताए ‎ ‎ अनुसार ही कुछ देर बाद महिला ‎ ‎ कर्मचारी का फोन आया, जिसने‎ 70 हजार जमा करने को कहा। पैसे ‎ ‎ जमा करने के कुछ दिन बाद महिला ‎ ‎ कर्मचारी ने रविशंकर को फर्जी एयर टिकट और फर्जी वीजा मेल व‎ वाट्सएप पर भेज दिया। जानकारों‎ से पूछताछ में पता चला कि दोनों ही फर्जी है।‎

 

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