बेमौसम बारिश से फसलें हुई तबाह, प्रदेश में सबसे ज्यादा दुर्ग में बरसा पानी, धान खरीदी भी हुई ठप
दुर्ग। बेमौसम बारिश ने एक बार फिर लोगों की आफत बढ़ा दी है। दुर्ग जिले में 24 घंटे में 95.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार यह प्रदेश में सबसे अधिक बारिश है। दूसरे नंबर पर सबसे अधिक बारिश राजनांदगांव जिले में 53 मिमी दर्ज की गई है। दुर्ग जिले में मंगलवार शाम से बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक 56 मिमी बारिश हुई थी। उसके बाद शाम सात बजे तक 39.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस तरह 95.4 मिमी बारिश हुई है। बुधवार को दिन भर बादल छाए रहे। जिससे तापमान में भारी गिरावट आई थी। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को दुर्ग-भिलाई का अधितम तापमान 18.2 डिग्री दर्ज किया गया है। यह सामान्य तापमान से पूरे 9 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 16.2 मिमी रिकार्ड किया गया जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक है। इस तरह अधिकतम और न्यूतम तापमान में सिर्फ 2 डिग्री का फर्क रहा। इस बेमौसम बारिश का सबसे अधिक असर सरकारी समर्थन मूल्य में धान खरीदी पर पड़ा। जिले के किसी भी खरीदी केंद्र में बुधवार को खरीदी नहीं हुई। लगाकार बारिश के कारण तौल करना संभव नहीं था। कई केंद्रों में पानी भर गया था। जमीन गीली होने के कारण अगले दो तीन दिन तक खरीदी में दिक्कत आएगी।
15 लाख क्विंटल धान खुले में भीगने से होगा नुकासन
खरीदी केंद्रों में करीब 15 लाख क्विंटल धान खुले में रखा हुआ है। कैप कवर का प्र्याप्त इंतजाम कहीं नहीं है। तालपत्री से ढंककर धान को भीगने से बचाने की कोशिश की गई पर लगातार हुई बारिश के कारण बड़ी तादाद में धान के भीगने की आशंका है। हालांकि अधिकारी आंशिक क्षति बता रहे हैं फिर भी कम से कम सात फीसदी तक धान भीगने का अनुमान है।
जिले में साग सब्जी व दलहन तिलहन की फसल लगी हुई है। इस बारिश से इन फसलों को बहुत नुकसान होगा। कृषि विभाग ने अपने मैदानी अमले को फसलों का आंकलन करने का निर्देश दिया है। आंकलन के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि धमधा ब्लॉक में कम बारिश हुई है। पाटन व दुर्ग ब्लॉक में बारिश अधिक हुई है। एसएस राजपूत उप संचालक कृषि ने बताया कि बारिश से गेहूं व धान की फसल को कोई नुकसान नहीं है। बाकी फसलों को हुई क्षति का आंकलन करने के निर्देश मैदानी अमले को दिया गया है। किसानों को सलाह दी गई है कि फसल वाले खेतों में पानी भरा हो उसे खाली करें। विनायक ताम्रकार, किसान नेता समोदा ने बताया कि इस बारिश की मार सबसे अधिक उन्हारी व साग सब्जी की फसलों पर पड़ी है। सरकार आंकलन कर किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान करे। रामखिलावन साहू, किसान माटरा ने कहा कि बारिश से सब्जी की फसल खराब हो गई। पालक भाजी तो पूरा खराब हो गया। धनिया चौपट हो गई। सरकार किसानों को राहत पहुंचाए।
उत्तम वर्मा, किसान नवागांव ने कहा कि चना, अरहर व फूल लग चुके अन्य फसलों को ज्यादा क्षति पहुंची है। फूल झड़ गए मतलब फल नहीं आएंगे। यह सीधा नुकसान है।
जिले रबि व सब्जी की फसल
चना – 11820 हेक्टेयर
गेहूं – 6300 हेक्टयर
सरसो – 1605 हेक्टेयर
अरहर – 1320 हेक्टेयर
उड़द – 191 हेक्टयर
मूंग – 106 हेक्टेयर
टमाटर – 9410 हेक्टेयर
साग-सब्जी – 41809 हेक्टेयर
धनिया – 648 हेक्टेयर
मिर्च – 1765 हेक्टेयर
मेथी – 65 हेक्टेयर
अन्य – 1610 हेक्टेयर
चना – 11820 हेक्टेयर
गेहूं – 6300 हेक्टयर
सरसो – 1605 हेक्टेयर
अरहर – 1320 हेक्टेयर
उड़द – 191 हेक्टयर
मूंग – 106 हेक्टेयर
टमाटर – 9410 हेक्टेयर
साग-सब्जी – 41809 हेक्टेयर
धनिया – 648 हेक्टेयर
मिर्च – 1765 हेक्टेयर
मेथी – 65 हेक्टेयर
अन्य – 1610 हेक्टेयर