कालीचरण है या गालीचरण: मुख्यमंत्री भूपेश

रायपुर। कांग्रेस के तमाम नेता मौन धरने पर बैठ गए। गांधी मैदान में खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मौन धरने में शामिल होने पहुंचे। यहां पार्टी के अध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद रहे। गांधी को धर्म संसद में अपशब्द कहे जाने के बाद पार्टी ने ‘गांधी हमारे अभिमान’ कार्यक्रम रखा था। यहां रघुपति राघव राजा राम, गांधी मेरा अभिमान सबको सन्मति दे भगवान जैसे भजन गाए गए। कुछ छोटे बच्चे मंच पर गांधी की वेशभूषा में थे। कार्यक्रम में कुछ देर मौन धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री ने मंच से सभी को संबोधित किया। उन्होंने कहा वो कालीचरण है या गालीचरण है, गाली देने के लिए भेजा गया था क्या? छत्तीसगढ़ में उन्हें कभी नहीं देखा गया, अचानक प्रकट हुए और महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे की प्रशंसा करने लगे। महात्मा गांधी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। धर्म संसद में इस तरह की बातें की गईं।

भूपेश बघेल 26 दिसंबर को रायपुर की धर्म संसद में महाराष्ट्र के संत कालीचरण द्वारा दिए गए बयान को लेकर अपनी प्रतिक्रिया मंच से दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि धर्म संसद में जो बातें होती हैं सब जानते हैं, धार्मिक बातें होती हैं। वहां राजनीति और महात्मा गांधी के खिलाफ बातें हुईं। सन् 1934-35 में जब महात्मा गांधी रविंद्र नाथ टैगोर के आश्रम में गए, तो टैगोर ने उनके स्वागत में गीत लिखा एकला चलो रहे..। तब उन्होंने स्वागत भाषण में महात्मा शब्द का प्रयोग किया। तो ये लोग जो खिलाफ बोल रहे हैं, क्या रविंद्र नाथ टैगोर से बड़ा गालीचरण हो गया है?

अमेरिका भी मानता है गांधी को
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि महात्मा गांधी के कातिल गोडसे की विचारधारा के लोग आज भी हमारे बीच हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति भी कहते हैं कि हमें गांधी के बताए रास्तों पर चलना होगा। जब चुनाव आते हैं ऐसे लोग देश की जनता को गुमराह करते हैं। सरकारें आती रहेंगी, लेकिन देश का स्वाभिमान रहना चाहिए।

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