गड़बड़ी: मनोज राजपूत लेआउट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आदिवासियों की जमीन पर अवैध प्लाटिंग

शोषण की बात संगठन तक पहुंची, करेंगे मुख्यमंत्री से शिकायत

दुर्ग (चिन्तक)। दुर्ग-राजनांदगांव बाईपास में टोलप्लाजा के पास मनोज राजपूत लेआउट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आदिवसासियों की जमीन की बिक्री कर धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत सामने आई है। बताया गया है कि मनोज राजपूत द्वारा 120 से से 125 एकड़ क्षेत्र में की जा रही अवैध प्लाटिंग से लगभग 25 से 30 एकड़ जमीन आदिवासियों की है। गौरतलब है कि आदिवासियों की जमीन की खरीदी व बिक्री के लिए बेहद सख्त कानून का प्रावधान है। गैर आदिवसी को आदिवसी की जमीन खरीदने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है। इस अनुमति के लिए कई वर्ष लग जाते हैं। वहीं अनुमति मिलने के बाद यदि कोई निर्माण कर ले अथवा मकान बना ले तब भी आदिवासी को अपनी जमीन वापस मांगने का अधिकार है। आदिवासियों की हितों की सुरक्षा के लिए ही शासन ने कड़े नियम बनाए हैं। मनोज राजपूत ने भी अपने अवैध प्लाटिंग में आदिवासियों की जमीन को शामिल कर रखा है। आदिवासियों की जमीन का विक्रय कैसे और किन परिस्थितियों में किया जा रहा है यह जांच का विषय है।
सूत्रों का कहना है कि आदिवासियों की जमीन के विक्रय के लिए मनोज राजपूत ने ईकरार नामा किया है। जिसमें जमीन के एवज में उसकी इच्छा के अनुरूप रकम दिये जाने का उल्लेख है लेकिन किसी भी आदिवासी को एक साथ पूरे रकम का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत है। पीड़ित आदिवासियों को भुगतान के नाम पर चक्कर लगवाए जाने की खबर है। शिकायत में यह भी उल्लेख है कि कई लोगों को धोखे से आदिवासी की जमीन बेच दी गई है और उन्हें अनुमति भी दिलोन का वादा किया गया है लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली है। शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि आदिवासियों से जितना इकरार नामा किया गया है उसेस कुई गुना अधिक दाम में जमीन की बिक्री की गई है और आदिवासियों का शोषण भी किया जा रहा है। पता चला है कि आदिवासियों के साथ हो रही धोखाधड़ी और उनके साथ हो रहे शोषण का मामला आदिवासियों के प्रदेश स्तरीय संगठन के पास पहुंच गया है और संगठन द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस मामले को लेकर मुलाकात करने की तैयारी की जा रही है।