हाईटेक मामले में प्रशासन ने की फार्मेल्टी: लाइसेंस के बिना अभी भी संचालित है अस्पताल

फायर का एनओसी जमा करने के बाद दिया बंद करने का नोटिस

दुर्ग (चिन्तक)। नेहरू नगर में लाइसेस के बिना दो साल से संचालित हाईटेक अस्पताल के मामले में प्रशासन प्रभावी कायर्वाही करने की बजाय केवल फार्मेल्टी दिखाने का काम कर रहा है। जबकि अस्पताल लाइसेंस के बगैर अभी भी धड़ल्ले से संचालित है। इस घटनाक्रम से प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को लाइसेंस के बगैर चलने में संरक्षण देने की बात और अधिक प्रमाणिक तरीके से पुुख्ता हो रही है।

13 दिसंबर 2021 को पत्र क्रमांक एनएचए/2021/लायसेंस 1052 में कलेकटर एवं पर्यवेक्षी अधिकारी छग नर्सिंग होम एक्ट दुर्ग द्वारा जारी आदेश जिसमें उल्लेख है कि फायर एनओसी नहीं होने की वजह से अस्पताल को आगामी आदेश तक तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।

 

 

24 नवंबर 2021 को आनन फानन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जारी आदेश जिसमें फायर एनओसी के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। जबकि मामला बिना लायसेंस अस्पताल संचालन का है।

जानकारी के अनुसार नेहरू नगर भिलाई में हाईटेक अस्पताल 14 दिसंबर 2019 से शुरू हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक अस्पताल में 19 जुलाई 2021 को लाइसेंंस के लिए आवेदन दिया है। अर्थात 17 माह तक लाइसेंस के बिना चलने का यह सीधा प्रमाण है। 19 जुलाई को आवेदन देने के ढाई माह बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गंभीर सिंह ठाकुर ने 2 अगस्त को विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम का गठन निरीक्षण के लिए किया। इस टीम ने 15 सितंबर को डेढ माह बाद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि अस्पताल द्वारा अग्निशमन विभाग से प्रमाण पत्र नही लिया गया है। सी.एम.ओ. ने अस्पताल को इस बाबत तत्काल नोटिस देना जरूरी नही समझा और रिपोर्ट को अपने पास फाईलों में दबाकर रखा । जब दैनिक चिन्तक ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से चर्चा की तब डा. शुक्ला को बेहद आश्चर्य हुआ उन्होने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है। अस्पताल को तो शुरू करने से पहले लाइसेस लेना जरूरी है। उन्होने संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बसोद से इसकी जानकारी लेने को कहा।

संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने सी.एम.ओ. से जब इसकी जानकारी मंगाई। तब सी.एम.ओ.गंभीर सिंह ठाकुर ने आनन फानन में 24 नवंबर को एक माह से अधिक समय तक फाईलो मे दबी निरीक्षण दल की रिपोर्ट निकाली और हाईटेक अस्पताल को एक सप्ताह के भीतर अग्निशमन विभाग का प्रमाण पत्र जमा करन का नोटिस जारी कर दिया और इसी नोटिस को संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को भेजकर गुमराह किया और यह बताने का प्रयास किया कि स्वास्थ्य विभाग कितना गंंभीर है। इस बीच प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने लाइसेंस के बगैर संचालित कतिपय स्वास्थ्य संस्थानो व क्लीनिको पर न केवल बराबर कायर्वाही की बल्कि उन्हें सीलबंद भी किया। लेकिन प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अफसर लाइसेंस के बिना दो साल से चल रहे हाईटेक अस्पताल की दहलीज तक नही पहुंचे। जिससे बड़े पैमाने पर आर्थिक लेन देन करके अस्पताल को लाइसेंस के बगैर चलने देने की शिकायत पुख्ता हुई। इसके बाद जब हाईटेक अस्पताल मामले की संचालक स्वास्थ्य सेवाएं से शिकायत की गई तब भी प्रशासन ने फार्मेल्टी दिखाकर अस्पताल को बराबर चलने दिया।

उच्च अफसरों को प्रशासन व सी.एम.ओ. ने किया गुमराह

नेहरू नगर में हाईटेक अस्पताल के लाइसेंस के बगैर चलने का मामला पिछले दो माह से सुखिर्यों में है लेकिन प्रशासन व सी.एम.ओ. इस अस्पताल पर बराबर मेहरबान है। इस मामले में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग केवल फार्मेल्टी निभाकर उच्च अफसरो को गुमराह करने का काम कर रहा है। पता चला है कि हाईटेक अस्पताल के संचालक ने 8 दिसंबर को ही स्वास्थ्य विभाग में अग्निशमन विभाग का प्रमाण पत्र जमा करा दिया है और कलेक्टर डा. भूरे ने 13 दिसंबर को फायर एनन.ओ.सी. के नाम पर अस्पताल को बंद करने का नोटिस जारी कर दिया है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने लाइसेंस विहीन संचालित अस्पताल को जिस तरह नजर अंदाज किया है और जिस तरह की नौटंकी का प्रदर्शन कर रहा है वह हैरत का विषय है। कानून व नियम कायदो की धज्जियां यदि स्वयं प्रशासन उड़ाए तो यह दुर्भाग्य का विषय है। जबकि अभी भी हाईटेक अस्पताल ने लाइसेंस नही बनाया है और लाइसेंस के बिना बराबर संचालित है।

रीसेंट पोस्ट्स