रेडी टू ईट पर स्वसहायता समूहों को राहत, 230 याचिकाओं पर एक साथ हुई सुनवाई

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने रेडी टू ईट वितरण का काम स्व सहायता समूह से छीनने के राज्य शासन के आदेश पर गुरुवार को अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट के इस आदेश के बाद स्व सहायता समूह आगामी सुनवाई तक बिना किसी रुकावट के कार्य कर सकेंगी। हाईकोर्ट ने 3 और 4 मार्च को इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए रखा है। राज्य सरकार ने रेडी टू ईट वितरण का काम को केंद्रीयकृत कर दिया है। पहले इसे महिला स्व सहायता समूह करते थे। शासन के इस निर्णय के खिलाफ महिला स्व सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की है। इसके साथ ही अलग-अलग स्व सहायता समूह की ओर से करीब 230 याचिकाएं लगाई गई हैं।

याचिका में बताया गया है  कि शासन के इस फैसले से प्रदेश के करीब 20 हजार महिलाएं बेरोजगार हो जाएगी। याचिका में कहा गया है कि पिछले लगभग 20 साल से महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं रेडी टू ईट के कार्य का बेहतर संचालन कर रही है। अभी तक उनके माध्यम से ही आंगनबाड़ी केंद्रों और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार तैयार किया जाता रहा है। उनके कार्यों में कभी कोई शिकायत भी नहीं रही है।

राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू इट को अब ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।