सरकार, देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रही -राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने संसद के संयुक्त अधिवेशन में अभिभाषण के दौरान भारत की नई शिक्षा नीति और शिक्षा के क्षेत्र में आ रहे सकारात्मक बदलावों की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2014 से पूर्व अल्पसंख्यक वर्ग के लगभग तीन करोड़ विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां दी गई थीं, जबकि मेरी सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक ऐसे साढ़े चार करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं। इससे मुस्लिम बालिकाओं के स्कूल छोड़ने की दर में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है तथा उनके प्रवेश में वृद्धि देखी गई है।
राष्ट्रपति ने कहा, देश की बेटियों में सीखने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है। यह हर्ष की बात है कि मौजूदा सभी 33 सैनिक स्कूलों ने बालिकाओं को प्रवेश देना शुरू कर दिया है। सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में भी महिला कैडेट्स के प्रवेश को मंजूरी दी है। महिला कैडेट्स का पहला बैच एनडीए में जून 2022 में प्रवेश करेगा। मेरी सरकार के नीतिगत निर्णय और प्रोत्साहन से, विभिन्न पुलिस बलों में महिला पुलिस-कर्मियों की संख्या में, 2014 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के संकल्प व सामथ्र्य को आकार देने के लिए मेरी सरकार, देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से स्थानीय भाषाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्नातक पाठ्यक्रमों की महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षाएं भारतीय भाषाओं में भी संचालित करने पर जोर दिया जा रहा है। इस वर्ष 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू हो रही है।
स्किल इंडिया मिशन के तहत, आई.टी.आई., जन शिक्षण संस्थान, और प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों के जरिए पूरे देश में सवा दो करोड़ से अधिक युवाओं का कौशल विकास हुआ है। स्किल को उच्च शिक्षा के साथ जोड़ने के लिए यू.जी.सी. के नियमों में कई बदलाव भी किए गये हैं।