जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटने के बाद तेज हुई सुरक्षाबलों की कार्रवाई, हर एक जवान की शहादत पर मारे गए चार गुना आतंकी

जम्मू। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ढाई साल बाद भी घाटी में शांति नहीं लौट पाई है। खासकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के चलते केंद्र शासित प्रदेश में आए दिन सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबरें सामने आ जाती हैं। अब सरकार ने संसद में बताया है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने के बाद से 541 आतंकी घटनाओं में सुरक्षाबलों के 109 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि, हर एक जवान की शहादत पर चार आतंकी भी मारे गए हैं।

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 (जिस तारीख को विशेष राज्य का दर्जा छिना था) से अब तक 439 आतंकियों को मार गिराया गया है। हालांकि, इस बीच आतंकी हमलों में 98 आम नागरिकों की जान भी गई है। इसके अलावा करीब 5.3 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, आतंक के खिलाफ सुरक्षाबलों के अभियान के बीच किसी सार्वजनिक संपत्ति को बड़ा नुकसान नहीं झेलना पड़ा।

2022 में भी चल रहा आतंकरोधी अभियान
इस साल जनवरी के अंत में भी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तयैबा और जैश-ए-मोहम्मद के 5 आंतकियों को मार गिराया. मारे गए आतंकियों में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर जाहिद वानी और एक पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल है।

देश में फिलहाल 16 हजार से ज्यादा निजी सुरक्षा एजेंसियों के पास सक्रिय लाइसेंस
राय ने अपने लिखित जवाब में अन्नाद्रमुक के सांसद विजयकुमार के उस सवाल का जवाब भी दिया, जिसमें पूछा गया था कि इस वक्त देश में कितने निजी सुरक्षा एजेंसियां काम कर रही हैं। राय ने बताया कि फिलहाल देश में 16 हजार 427 निजी एजेंसियों के पास सक्रिय लाइसेंस है। गौरतलब है कि निजी सुरक्षा एजेंसियां सरकार की मंजूरी के बिना काम नहीं कर सकती हैं।

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