निलंबित IPS जीपी सिंह को अदालत से राहत नहीं, 14 दिनों के लिए बढ़ाई गई न्यायिक रिमांड
रायपुर। भ्रष्टाचार और राजद्रोह जैसे मामले झेल रहे छत्तीसगढ़ पुलिस के निलंबित ADG जीपी सिंह को अदालत ने राहत नहीं दी। 14 फरवरी को उनकी रिमांड खत्म होने की वजह से रायपुर की अदालत में उनके वकील पेश हुए। राहत देने की तमाम दलीलों को दरकिनार कर कोर्ट ने सिंह को और 14 दिनों तक जेल में ही रखने का आदेश दे दिया। अब 28 फरवरी तक वह जेल में ही रहेंगे। इससे पहले वो गिरफ्तारी के बाद 17 जनवरी से रायपुर की सेंट्रल जेल में ही हैं।
सिंह के बचाव में उनकी वकीलों की लीगल टीम ने कुछ हैरान करने वाले दावे अदालत के सामने पेश किए हैं। वकील ने कहा है, ‘जीपी सिंह को उनके घर वालों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य का स्तर गिर रहा है, जेल जाने से पहले सिंह दिल्ली के डॉक्टरों की निगरानी में थे।’ परिजनों का दावा है कि जीपी सिंह को हार्ट और ब्लड प्रेशर की समस्या है। जेल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन उन्हें सूट नहीं कर रहे। अदालत ने इस पर जेल मैन्युअल का पालन करने परिजनों को मिलने देने के निर्देश दिए हैं। पिछली बार कोर्ट कैंपस में जीपी सिंह ने कहा था, ‘ये पॉलिटिकल विक्टमाइजेशन का केस है, मैं शुरू से कह रहा हूं। नागरिक आपूर्ति निगम की जांच कर रहा था तब गवाहों को हॉस्टाइल करने कहा गया, इस मामले में रमन सिंह और वीणा सिंह को फंसाने कहा गया था। जीपी सिंह कह चुके हैं कि जो FIR उनके खिलाफ दर्ज की गई है वो पूरी तरह से गलत है। सिंह के वकीलों ने भी अदालत में कहा था कि उन्होंने पिंजरे में बंद तोता होने से इंकार कर दिया था।’