कीव में फंसे हजारों भारतीयों को राहत, सरकार ने भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों पर प्रतिबंध हटाया
नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को एयर बबल व्यवस्था के तहत भारत-यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटा दिया है। इसके बाद अब कितनी भी उड़ानें और चार्टर उड़ानें संचालित की जा सकती हैं। मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी में कहा गया है कि वह विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर रहा है।
उड़ानों की संख्या बढ़ाने के निर्देश
मंत्रालय ने संकटग्रस्त यूक्रेन में फंसे छात्रों और पेशेवरों को आसानी से निकालने के लिए भारत और यूक्रेन के बीच उड़ानों और सीटों की संख्या पर प्रतिबंध हटाने का यह निर्णय लिया है। एक बयान में कहा गया है कि भारतीय एयरलाइंस को उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा गया है, क्योंकि रूस के यूक्रेन की ओर बढ़ने के साथ मांग में वृद्धि हुई है। भारत ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है, लेकिन 20 फरवरी से पहले कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है।
दोनों देशों में एयर बबल समझौता
गौरतलब है कि भारत और यूक्रेन के बीच एक एयर बबल समझौता है, जिसके तहत दोनों देश प्रति सप्ताह एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित कर सकते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय यात्रा निलंबित कर दी गई थी, तब महामारी द्वारा इस समझौते की आवश्यकता पड़ी थी। लेकिन अब जबकि हजारों भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं, मंत्रालय ने पहले लगाई गई सीमा को हटाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि एयरलाइंस कितनी भी उड़ानें संचालित कर सकती हैं। भारत और यूक्रेन के बीच चार्टर्ड उड़ानें भी संचालित की जा सकती हैं।
एयर इंडिया ने की बड़ी घोषणा
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच गहराती युद्ध की आशंकाओं के चलते वहां पढ़ रहे करीब 20 हजार भारतीय छात्र कीव में फंसे हुए हैं। ये छात्र लगातार केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इसके चलते गुरुवार को सरकार की ओर से उड़ानों पर लागू प्रतिबंधों को हटा लिया गया है। इसके साथ ही आपको बता दें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के इस फैसले के तत्काल बाद ही एयर इंडिया ने यूक्रेन के लिए विशेष उड़ानें संचालित करने घोषणा कर दी है।