शेयर बाजार में भूचाल: सेंसेक्स 1800 अंक से ज्यादा टूटा, निवेशकों के आठ लाख करोड़ डूबे

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार को भूचाल आ गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक सेंसेक्स ने गुरुवार को 1850 अंक की भारी गिरावट के साथ कारोबार की शुरूआत की। हालांकि, कुछ देर बाद इसमें कुछ सुधार दिखा और सूचकांक 1430 अंक की गिरावट के साथ 55,802 के स्तर पर आ गया। लेकिन, फिलहाल इसमें गिरावट और एक बार फिर तेज हो गई है और सेंसेक्स 1805 अंक टूटकर 55,426 पर आ गया है।

दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी पर भी युद्ध का असर दिखाई दे रहा है और यह 414 अंकों की भारी गिरावट के साथ 16,648 के निचले स्तर पर खुला। बाजार खुलने के साथ ही लगभग 270 शेयरों में तेजी आई है, जबकि 1853 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई और 79 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। जहां एक ओर सेंसेक्स के सारे 30 शेयर लाल निशान पर रहे, वहीं निफ्टी में यूपीएल, टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील और आईसीआईसीआई बैंक सबसे ज्यादा घाटे में थे। जबकि नेस्ले मामूली लाभ के साथ एकमात्र बढ़त वाला शेयर था।

टेक महिंद्रा, टीसीएस, विप्रो, एचसीएल टेक, एचडीएफसी, एसबीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस, मारुति, डॉ. रेड्डी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी के शेयरों में तीन फीसदी तक की गिरावट आई है। जबकि, पावरग्रिड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एशियन पेंट्स, कोटक बैंक, टाइटन, नेस्ले, सनफार्मा और एनटीपवीसी के शेयर में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बीते कारोबारी सत्र बुधवार को शेयर बाजार ने हरे निशान पर शुरुआत की थ, लेकिन बाजार शुरुआती तेजी को कायम नहीं रख सका और लाल निशान पर बंद हुआ था। 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 68 अंक की गिरावट लेते हुए 57,232 के स्तर पर बंद हुआ था, वहीं निफ्टी 29 अंक फिसलकर 17,063 के स्तर पर बंद हुआ।

ये हैं बाजार में गिरावट के कारण
बता दें कि शेयर बाजार में आए भूचाल के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार रूस और यूक्रन के बीच जारी तनाव है। पुतिन के संबोधन के बाद निवेशकों की धारणाओं पर असर पड़ा और एकदम से बाजार धराशायी हो गए। खबर के अनुसार, पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैन्य कार्रवाई शुरू करने की घोषणा के बाद रूसी सेना कुछ यूक्रेनी शहरों पर बमबारी कर रही थी। निवेशकों के नजरिए से रूस की कार्रवाई संभवत: सबसे खराब स्थिति है।  इसके अलावा रूस-यूक्रेन संकट के कारण 2014 के बाद पहली बार वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गईं, इसका असर भी निवेशकों पर पड़ा है। वहीं तीसरे कारण की बात करें तो फरवरी डेरिवेटिव श्रृंखला गुरुवार को समाप्त हो रही है। भारत वीआईएक्स शुरुआती कारोबार में 22.39 फीसदी चढ़कर 30.16 पर पहुंच गया है।

रीसेंट पोस्ट्स