प्रधानमंत्री मोदी की आपात बैठक: यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजे जाएंगे सिंधिया-रिजिजू समेत चार केंद्रीय मंत्री, छात्रों की निकासी में करेंगे मदद
नई दिल्ली। यूक्रेन संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में वहां पर फंसे भारतीयों की चिंता भी बढ़ रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को फिर से उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की निकासी के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा सकता है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू व जनरल वीके सिंह को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जा सकता है। ये मंत्री निकासी मिशन के लिए अन्य देशों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और वहां फंसे भारतीय छात्रों की मदद करने के का काम करेंगे।
अब तक 1100 से ज्यादा भारतीय छात्रों की हुई वापसी
भारतीय छात्रों की निकासी के लिए सरकार की ओर से ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की गई थी। इस मिशन के तहत अभी तक पांच फ्लाइट यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर दिल्ली लौट चुकी हैं। सोमवार सुबह ही एक फ्लाइट 249 छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची। इससे पहले 26 फरवरी को एक और 27 फरवरी को तीन फ्लाइट दिल्ली लौटी थीं। इन्हें रोमानिया के रास्ते दिल्ली लाया गया है। अब तक करीब 1100 छात्रों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है।
20 हजार से ज्यादा नागरिक फंसे थे
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के बयान के मुताबिक, छात्रों व अन्य लोगों को मिलाकर करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन में रहते हैं। भारत ने कहा था कि, सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी हमारा प्रयास है। अभी भी करीब 18 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं। भारतीय दूतावास की ओर से लगातार इन छात्रों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है। शनिवार को एडवाइजरी जारी कर सभी छात्रों को यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में जाने को कहा गया था।