बदइंतजामी का शिकार है दुर्ग की ट्रैफिक व्यवस्था: नियंत्रण से बाहर वाहनों की गति, यातायात महकमा वसूली करने मशगूल
दुर्ग (चिन्तक)। दुर्ग की ट्रैफिक व्यवस्था बदइंतजामी का शिकार हो चुकी है। दो दिन के अंतराल में हुई 6 लोगो की मौत इसका ज्वलंत प्रमाण है। यह दुर्भाग्य का विषय है कि जिला पुलिस का यातयात महकमा ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त व सुचारू बनाने के लिए बार बार आगाह किए जाने के बाद भी कोई पहल नहीं कर पा रहा है। यातायात विभाग के सिपाही चौक चौराहो में केवल वसूली करने में मशगूल है।
जानकारी के अनुसार पिछले दो दिनों के अंतराल में दो अलग-अलग हादसों में शहर के भीतर 6 लोगों की मौत हो गई है। इन घटनाओं से जाहिर है कि ट्रैफिक विभाग का भट्टा बैठ चुका है। शहर के प्रमुख मार्गो जीई रोड, उतई रोड, दुर्ग बालोद मार्ग, दुर्ग धमधा मार्ग, से शहर के भीतर प्रवेश करने वाले भारी वाहनों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे वाहन शहर के भीतर की व्यस्त सड़कों पर भी अनियंत्रित गति से दौड़ते नजर आते है। लेकिन चौक चौराहों पर गाहे बगाहे तैनात यातायात पुलिस कर्मियोें द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता। चौक चौराहों के सिपाहियों की नजर दुपहिया वाहनो को रोककर उनसे वसूली करने पर ज्यादा केन्द्रित रहती है। ऐसी स्थिति में ट्रैफिक व्यवस्था की बदहाली लाजिमी है।
धमधा बालोद मार्ग की भी हालत खराब
इसके अतिरिक्त दुर्ग धमधा व दुर्ग बालोद मार्ग की हालत भी बेहद खराब है। इस मार्ग पर भी वाहनो की गति पर कोई नियंत्रण नही है। दुपहिया वाहनो का हाल यह है कि जहां भी जगह खाली दिखाई दे रही है वहां से जा रहे है लेकिन रूककर नियमानुसार ट्रेफिक नियम का पालन करके चलने की कोई चिन्ता नहीं है। इन दोनों मार्गो पर ट्रैफिक विभाग का कोई कर्मचारी तक नजर नही आता। चौक चौराहों पर चलान काटने के नाम पर इक्का दुक्का लोग ही कभी कभार नजर आते है। इन मार्गो पर दुर्घटनाओं का खतरा बराबर बना हुआ है।
गौरव पथ में दुर्घटना का खतरा बढ़ा
उतई रोड स्थित गौरव पथ में वाहनो की बेतरतीब ढंग से आवाजाही के कारण दुर्घटना का खतरा बराबर बना हुआ है। गौरव पथ इन दिनो शहर के सबसे व्यस्ततम मार्गो में से एक है। इस मार्ग पर स्कूल , कालेज सब्जी मार्केट, मेडिकल तथा नगर निगम के साथ कई सरकारी विभाग है। परिणाम स्वरूप दिन भर इस मार्ग पर लोगों की आवाजाही बनी रहती है। गौरवपथ पर भी दुपहिया व चौपहिया वाहनो की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है। इस मार्ग पर भी जगह जगह वाहन अव्यवस्थित ढंग से खड़े नजर आते है। वाहनों की अधिकता के कारण लोगों को आवागमन में भी तकलीफ होती है और दुर्घटना की संभावना भी बराबर बनी हुई है।
जीई रोड का हाल बेहाल
राष्ट्रीय राजमार्ग जीई रोड का हाल बेहाल है। इस मार्ग पर रायपुर नाका से पुलगांव चौक तक शहर के भीतर जगह जगह दिन भर बेतरतीब ढंग से चौपहिया वाहन खड़े रहते है। इन वाहन चालको को जहां पर भी जगह खाली नजर आती है उसे पार्किंग समझ लेते है। फलस्वरूप आवागमन का मार्ग संकुचित हो जाता है। इस बीच तेज रफ्तार से चल रहे दुपहिया वाहन रही सही कसर पूरी कर देते है। उनके अचानक अजीबो गरीब किस्म के हार्न बजाकर तेजी से निकलने के कारण सामान्य व सुरक्षित तरीके से वाहन चलाने वाला भी हड़बड़ा कर दुर्घटना का शिकार बन जाता है। जीई रोड पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर जगह-जगह गड्ढे खोदकर छोड़ देने वाला पीडब्लूडी विभाग व उसके ठेकेदार भी बिगड़ती व्यवस्था के लिए जवाबदेह है। लेकिन यातायात विभाग के जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही उसके लिए सबसे बड़ी जिम्मेदार है।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत-वोरा
छत्तीसगढ़ वेयर हाउस कार्पोरेशन के चेयरमेन एवं वरिष्ठ विधायक अरूण वोरा ने दो दिन के अंतराल में अलग अलग सड़क हादसो में हुई 6 लोगो की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होने कहा है कि ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है। श्री वोरा ने इस संबंध मे अधिकारियो को निर्देश देकर ट्रैफिक व्यवस्था पर एक अलग प्लान बनाकर काम करने के लिए कहा है। श्री वोरा ने लोक निर्माण विभाग से धमधा ओव्हर ब्रिज को भी दुरूस्त करने निर्देश दिए है। इसके अतिरिक्त सभी प्रमुख जगह पर संकेतक बोर्ड भी लगाने के लिए कहा है। श्री वोरा का कहना है कि दुर्घटना में मृत्यु का असर पूरे परिवार पर पड़ता है। उनकी संवेदना मृतक के परिवारों के साथ है। भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाएं न हो इसके लिए यातायात विभाग को ठोस पहल करने की आवश्यकता है।