महंगाई का तगड़ा झटका झेलने को हो जाइये तैयार, खाने-पीने के सामान से लेकर पेट्रोल-डीजल बिगाड़ेंगे बजट
दुर्ग। यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई से इस साल की होली महंगी पड़ेगी। व्यापारियों का कहना है कि दो देश के बीच जारी युद्ध से खाद्य तेल के दाम में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। तेल के दाम 30 से 40 रुपए बढ़ गए हैं। त्योहार से पहले तेल, आटा, घी समेत अन्य किराना सामान के दाम बढ़ने का प्रभाव रसोई के बजट पर दिख रहा है। व्यापारी फिलहाल दाम कम होने की संभावना नहीं जता रहे हैं। युद्ध लंबा चला और तेल का निर्यात रुका तो सोया व मूंगफली के तेल में और तेजी आएगी।
[ays_poll id=4]
पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में रिफाइंड तेल के भाव इसी तरह बढ़े थे। अब महंगाई एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगी है। 10 दिन में रिफाइंड तेल में 30 से 40 रुपए तक उछाल आया है। इसी तरह किचन के मसाले, दाल, चावल, शक्कर के भाव भी बढ़ रहे हैं। शक्कर पर क्विंटल में 100 रुपए का अंतर आया है। वहीं आटा के पैकेट जो पहले 250 में आता था, वह अब 280 हो गया है। ऐसे में थोक विक्रेता युद्ध समाप्त होने के बाद ही दामों में गिरावट आने की बात कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि खाद्य तेल में भारत-यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सनफ्लावर का तेल आयात करता है। यूक्रेन की हालात बिगड़ने से वहां से माल आयात करने में बाधाएं आ रही हैं। इससे सन फ्लावर के तेल में 30 से 40 रुपए लीटर दाम बढ़ गए हैं। इसी तरह देश में ड्राय फ्रूट अफगानिस्तान से आता है। पिछले साल यहां तालिबान का कब्जा होने से ड्राय फ्रूट की आवक में कमी आई थी।
चुनाव खत्म होते ही बढ़ सकते हैं डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस के दाम
अब एक बार फिर दो देश में बने युद्ध के हालात को देखते हुए एक बार फिर 300 रुपए किलो बिकने वाला मुनक्का 500 रुपए, अंजीर 600 से बढ़कर 900 रुपए किलो व पिस्ता सादा 1100 से 1400 व पिस्ता नमकीन 600 रुपए थे जो एक साल से 900 रुपए किलो में बिक रहा है। हालांकि देश के 5 राज्य में चल रहे विधानसभा चुनाव के कारण पिछले 2 महीने डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस के दाम स्थिर चल रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव खत्म होते ही एक बार फिर इनके दाम में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी। महंगाई की मार के कारण जहां ग्रहिणियों का बजट बिगड़ गया है, वहीं दूसरी ओर सफर भी महंगा हो गया है।
लोहा, सोने-चांदी के दाम में भी आई तेजी
यूक्रेन और रूस गैस और आयरन ओर के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हैं। पिछले दो सप्ताह से दोनों देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है। वहीं यूरोप के देशों ने युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसका सीधा असर रूस के साथ-साथ यूक्रेन से होने वाले गैस और आयरन ओर की सप्लाई पर पड़ने लगा है, जिससे लोहे की सामग्रियों के दाम में भी एकाएक तेजी आई है। इसी तरह सोने-चांदी के दाम भी बढ़ गए हैं।
होली पर लोगों को महंगाई की मार
होली पर घर-घर गुझिया समेत कई स्वादिष्ट पकवान बनाने के लिए खाद्य तेल लोग बड़ी मात्रा में खरीदते हैं, लेकिन इस बार तेल काफी महंगा है। दुर्ग-भिलाई के खाद्य तेल कारोबारी बताते हैं कि एक हफ्ते पहले जिस खाद्य तेल (सोयाबीन रिफाइंड) की कीमत 140 रुपए प्रति लीटर थी। इस हफ्ते वह फिर एक बार 170 रुपए पहुंच गई है। इससे सिर्फ त्योहार या तेल की खरीदारी पर ही नहीं, बल्की नमकीन और किराना बाजार पर भी खासा असर पड़ेगा।