सड़क चौड़ीकरण में सेंसर पेवर के बिना डामरीकरण, निरीक्षण का काम कर रहे अफसर घटिया सड़क को दे रहे हैं क्लीनचिट

दुर्ग (चिन्तक)। सड़क चौड़ीकरण के काम में लोक निर्माण विभाग के अफसर गुणवत्तायुक्त सड़क बनाने की बजाय मिली भगत करके ठेकेदार को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। सड़क चौड़ीकरण का काम बेतरतीब ढंग से आनन फानन तरीके से किया जा रहा है। तकनीकी रूप से जानकार लोगों का दावा है कि सड़क के लंबे समय तक टिकाउ और सुरक्षित रहने की संभावना नही है। दो तीन वर्ष के भीतर सड़क के जर्जर हो जाने का अंदेशा है।

जानकारी के अनुसार प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू की पहल से शहर व उसकी सीमा से जुड़े तीन अलग अलग स्थानों में सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है। जिसमें 64 करोड़ की लागत से नेहरू नगर से पुलगांव तक 6.35 किलो मीटर का काम भी शामिल है। इस सड़क के चौड़ीकरण का काम बेमेतरा के कांग्रेस विधायक आशीष छावड़ा के रिश्तेदार की फर्म को दिया गया है। सड़क के चौड़ीकरण काम व गुणवत्ता युक्त हो इसके निरीक्षण की पूरी जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है, लेकिन लोक निर्माण के अफसर निरीक्षण करने की बजाय ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर शासन की राशि का दुरूपयोग कर आर्थिक स्वार्थ की पूर्ति में मशगूल है।

शुरूआती चरण से ही धांधली

सड़क निर्माण का काम कर रही किरण बिल्डकान फर्म द्वारा सड़क चौड़ीकरण के शुरूआती चरण से ही धांधली शुरू कर दी गई है। बताया गया है कि नेहरूनगर से रायपुर नाका तक चौड़ीकरण मेंं भारी गड़बड़ी की गई है और सेंसर पेवर का इस्तेमाल किए बिना ही सड़क का डामरीकरण कर दिया गया है। जानकार लोगों का कहना है कि डामरीकरण के समय सेसर पेवर को  लाया गया था लेकिन सेंसर का इस्तेमाल नहीं किया गया। सेंसर पेवर के इस्तमाल के बिना किए गए डामरीकरण से सड़क जगह जगह असमतल के रूप में प्रत्यक्ष दिखाई दे रही है। सूत्रों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने इसका बिल बनाकर ठेकेदार को राशि का भुगतान भी कर दिया है।

एक नहीं कई गड़बड़ी

सड़क चौड़ीकरण का काम कर रही एजेन्सी किरण बिल्डकान द्वारा नेहरू नगर से रायपुर नाका के बीच सेंसर पेवर का इस्तेमाल नही करने के साथ कई अन्य गड़बड़ी भी की गई है। शिकायत के अनुसार पहले की पुरानी सड़क पर दुबारा डामरीकरण कर दिया गया है। और इसके अगल बगल खुदाई करके बेस डालने के नाम पर भी धांधली की गई है। बताया गया है कि सड़क के किनारे थोड़ी सी छिलाई करके वहां डामरीकरण कर दिया गया है। इसका असर आवागमन कर रहे लोगों को प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने लगा है। इस सड़क की गुणवत्ता को लेकर सवालिया निशान उठने शुरू हो गए है।

सब डिविजन एक के अधीन है काम

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सड़क चौड़ीकरण का काम लोक निर्माण विभाग के सब डिविजन क्रमांक एक के अधीन हो रहा है। इसके एसडीओ ओंगरे प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) है। ओंगरे ने सड़क के देखरेख की जिम्मेदारी अपने चहेते उपयंंत्री युुद्धवीर सोनवानी को दे रखी है। परिणाम स्वरूप सड़क चौड़ीकरण के काम में भारी धांधली बरती जा रही है। विभाग के उच्चाधिकारियों से गड़बड़ी की जांच की मांग को लेकर शिकायत की गई है।

जाने क्या होता है सेंसर पेवर

सेंसर पेवर सड़क के डामरीकरण में इस्तेमाल होने वाली नई पद्धति है। सड़क के डामरीकरण में इसका इस्तेमाल अत्यंत आवश्यक है। सेंसर पेवर का इस्तेमाल करके डामरीकरण की गई सड़क पूरी तरह समतल और चिकनी हो जाती है। सेंसर पेवर से डामरीकरण के बाद सड़क में एक छोटे से छिद्र तक की गुंजाइस नहीं रहती। ऐसी सड़क लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। नेहरू नगर से रायपुर नाका के बीच सेंसर पेवर के इस्तेमाल के बिना बनाई गई सड़क घटिया स्वरूप मे अभी से नजर आने लगी है।

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