कोर्ट का बड़ा आदेश: जेल में बंद शख्स को भी देना होगा पत्नी को गुजारा भत्ता

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इंदौर। फैमिली कोर्ट ने जेल में बंद पति को आदेश दिया है कि उसे अपनी पत्नी को 5 हजार रुपये गुजारा भत्ता देना होगा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान पति ने दलील दी थी कि वो जेल में बंद है और कमा भी नहीं पा रहा है। बावजूद इसके कोर्ट ने उसकी दलील नहीं सुनी और उसे पत्नी को पोषण-भत्ता देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान जेल से उसे पेशी के लिए लाया गया था। पीड़िता के वकील महेंद्र मौर्य के बताया कि उनकी मुवक्किल अनुराधा का विवाह 2020 में इंदौर के निवासी आदित्य उर्फ सिद्धार्थ के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। जिसकी शिकायत महिला थाने में दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद आरोपी पति, सास, ससुर, जेठ और जेठानी के खिलाफ IPC 498 का मुकदमा दर्ज किया गया था।

जेल में बंद है महिला का पति
इसी दौरान पीड़िता द्वारा अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में तलाक की याचिका के साथ भरण पोषण का मुकदमा भी दायर किया था। इसके बाद पता चला कि आरोपी पति हत्या के मामले में जेल में बंद है। उसने 14 हजार रुपये के लेन-देन के चलते अपने साथी के साथ मिलकर एक युवक की हत्या की थी। पीड़िता के वकील ने न्यायालय के सामने दलील दी कि आदित्य का सोने चांदी का व्यापार है और घर से सक्षम भी है। साथ ही सामूहिक परिवार में रहता है। इसलिए पारिवारिक आय को देखते हुए पत्नी को भरण-पोषण दिया जाए।

जेल में बंद पति को देना होगा गुजारा भत्ता
कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश दिया कि उसे प्रतिमाह ₹5000 रुपये पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर देने होंगे। आदेश के मुताबिक पति को अपनी पत्नी को कुल 90 हजार रुपये देने होंगे। फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश माया विश्वपाल सिंह ने सुनवाई की। कोर्ट की तरफ से सिद्धार्थ सिंह को नोटिस जारी किया गया था।