आम आदमी पर महंगाई की मार: दुर्ग में रुला रही टमाटर की कीमत, सब्जियों की कीमतों में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा…


दुर्ग। महंगाई ने आम आदमी का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। कोई बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दाम से तो कोई गैस सिलेंडर के दामों से पहले से परेशान था, लेकिन अब सब्जियों ने तो मानों आम आदमी की कमर ही तोड़ दी है। आम तौर पर 20 रुपये किलो बिकने वाली सब्जियां आज 50 रुपये से ज्यादा में बिक रही है। वहीं सब्जियों की जरूरत टमाटर तो 100 रुपये किलो बिक रहा है। यकीन मानिए इस महंगाई से मध्यमवर्गीय परिवार पूरी तरह परेशान है। दुर्ग जिले की बात की जाए तो यहां सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर 100 रुपये के लगभग बिक रहा है तो वहीं जितनी भी हरी सब्जियां है, वह रिकॉर्ड तोड़ महंगी हो चुकी है।
आपको बता दें कि टमाटर किसान इन दिनों टमाटर नहीं ऊगा पा रहे हैं। क्योंकि मई से सितम्बर के बीच छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले में टमाटर की खेती के लायक मौसम नहीं होता, इसलिए टमाटर किसान टमाटर नहीं लगाते और यदि कुछ किसान टमाटर उगा भी लेते हैं तो उनको 1 कैरेट के पीछे 25 से 30 रुपये का भाव पड़ता है। 5 रुपये टमाटर तोड़ने की मजदूरी लग जाती है। इस तरह 1 कैरेट टमाटर का मूल्य 35 रुपये तक हो जाता है और मंडी तक उसी टमाटर को पहुंचाने में 15 से 20 रुपये का ट्रांसपोर्टेशन का चार्ज लग जाता है। ऐसे में 55 से 60 रुपये टमाटर किसानों को पड़ रहा है। जिसके बाद मंडी से रिटेल बाजार में आते-आते टमाटर 80 रुपये किलो और फिर 100 रुपये तक पहुंच रहा है। मुख्य रूप से टमाटर को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। एबीआरसी कैटेगरी का टमाटर 100 से 150 रुपये तक बिकता है तो बी कैटेगरी का टमाटर 120 से 150 के बीच है। तो वहीं सी कैटेगरी का टमाटर 100 से लेकर 80 रुपये किलो के बीच बिक रहा है।
दुर्ग के टमाटर किसानों का कहना है कि गर्मियों में सब्जी की पैदावार न्यून हो जाती है. हालांकि दुर्ग जिले में टमाटर की खेती सबसे ज्यादा होती है। टमाटर की खेती के लिए अधिकतम तापमान 35 डिग्री का टेंपरेचर होना आवश्यक है। लेकिन गर्मी के सीजन में तापमान 35 से कई डिग्री ऊपर चले जाता है। इसलिए टमाटर की खेती और सब्जियों की खेती में इसका बड़ा असर होता है। टमाटर के रेट इसलिए लगातार बढ़ते हैं। वर्तमान में लोकल स्तर पर टमाटर नहीं आ रहे हैं। फिलहाल टमाटर बेंगलुरु और आनंदपुर जैसे दूसरे प्रदेशों से आ रहे हैं। जिसके कारण टमाटर का रेट आसमान छू रहा है। लोकल बाड़ी से आवक नहीं होने के कारण सब्जियां और टमाटर बाहर से आते हैं और मनमाने रेट में सब्जियों टमाटर बिकने लगती है तो वहीं जब लोकल बाड़ी में टमाटर की आवक और पैदावार शुरू हो जाएगी तो इससे टमाटर का रेट निम्न स्तर पर पहुंच जाता है कई बार तो टमाटर तोड़ने का पैसा तक नहीं निकल पाता है।