अस्पताल में नहीं था यूरिन बैग तो मरीज को लगा दी कोल्ड ड्रिंक की बोतल, फुटा लोगों का गुस्सा
जमुई। मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल चौंकाने वाली यह तस्वीर बिहार में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को हकीकत दिखाती है! मामला जमुई जिले के सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से जुड़ा है। ये तस्वीर अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही का उदाहरण हैं। यहां एक मरीज को यूरिन बैग की जगह पर स्वास्थ्यकर्मियों ने कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल लगा दी। मरीज की मंगलवार(8 अगस्त) की दोपहर मौत हो गई थी। जब यह तस्वीर सामने आई, तो परिजनों ने हंगामा मचा दिया।
वायरल तस्वीर में साफ दिखई दे रहा है कि कैसे इमरजेंसी वार्ड के बेड पर लेटे मरीज को यूरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल लगा दी गई है। जानकारी के अनुसार, सोमावर(7 अगस्त) की रात झाझा रेल पुलिस ने अज्ञात घायल शख्स को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसके लिए यूरिन बैग उपलब्ध नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार, इमरजेंसी वार्ड में जब बेहोशी की हालत में इस मरीज को भती कराया गया था, तब वहां कोई स्वास्थ्य कर्मी मौजूद नहीं था। यही नहीं, स्वास्थ्य कर्मी जब मरीज के लिए यूरिन बैन का इंतजाम नहीं कर पाए, तो उन्होंने विकल्प के तौर पर कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल का प्रयोग किया।
सूत्रों के अनुसार बेहोशी की हालत में लाए गए शख्स के लिए सरकारी अस्पताल में दवाएं और इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं हो सके। डॉक्टरों ने स्वास्थ्यकर्मियों को कहा था कि ये सारी दवाइयां इमरजेंसी के स्टॉक में उपलब्ध नहीं हैं। नतीजतन स्वास्थ्यकर्मी ने यूरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल इस्तेमाल करनी पड़ी। मरीज को दवाएं और इंजेक्शन नहीं मिलने पर कष्ट भी उठाना पड़ा। हालांकि मरीज को बचाया नहीं जा सका। अस्पताल के प्रबंधक रमेश पांडेय ने कहा कि मामला संज्ञान में आने पर बोतल को हटा कर यूरिन बैग लगा दिया गया था। अस्पताल के मैनेजर के अनुसार, जब मरीज को एडमिट कराया गया था, उसी समय इमरजेंसी वार्ड में तैनात स्टोर के कर्मी की भी तबीयत खराब हो गई थी, इसलिए वो घर चली गई थी। इस वजह से मरीज को दवाइयां और यूरिन बैग नहीं मिल सका था। बता दें कि नीतीश कुमार की सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव स्वास्थ्य मंत्री हैं। अब अस्पताल प्रबंधन मामले में कार्रवाई की बात कह रहा है।