Chintak Exclusive- यश ग्रुप की संपत्ति नीलामी में रोक: दुर्ग न्यायालय के फैसले में हाईकोर्ट ने लगाई रोक, जानिए क्या है पूरा मामला…
दुर्ग। जिले के चिटफंड कंपनी के निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर आई थी, चीट फंड कंपनी की संपत्ति नीलाम हो चुकी है और उससे आए हुए पैसों से निवेशकों को पैसे वापस मिलेंगे लेकिन लोगों की खुशियां खत्म भी नहीं हुई थी कि उसमे में पानी फिरता दिख रहा है।
पूरा मामला क्या है
मिली जानकारी के अनुसर, यश ग्रुप कंपनी के डायरेक्टर ने दुर्ग जिले के सैकड़ो निवेशकों से अपनी कंपनी में निवेश कराया था और उनके पैसे लेकर फरार हो गए थे इसके पश्चात 19 अगस्त 2015 को पुलगांव थाने में हेमंत कुमार साहू ने यश ग्रुप के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस को जांच में पता लगा कि यश ग्रुप के डायरेक्टर ने दुर्ग में तकरीबन 52 एकड़ जमीन खरीदी है इस जमीन को 14 करोड़ 40 लाख 84 हजार रुपए में खरीदा गया था। इस संबंध में पुलिस ने 18 मार्च 2016 को जमीन की कुर्की के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखा। कलेक्टर ने मामले की सुनवाई के बाद 23 अप्रैल 2016 को संपत्ति कुर्की के लिए अंतरिम आदेश जारी कर इसे विशेष न्यायालय दुर्ग के पास अंतिम आदेश पारित करने पत्र लिखा विशेष न्यायालय ने यश ग्रुप और कंपनी के डायरेक्टर की चिन्हित संपत्ति कि कुड़की करने का आदेश 14 जुलाई 2023 को दे दिया था। विशेष न्यायालय के आदेश के पश्चात जिला प्रशासन ने अपनी आगे की कार्रवाई करते हुए नीलामी की तैयारी की। जिसके तहत 21 अगस्त को पहेली नीलामी की गई।
जिससे प्रशासन को 1 करोड़ 17 लाख की राशि प्राप्त हुई, इसके बाद दूसरे चरण में दुर्ग के अंतर्गत अंजोरा और अंडा की संपत्तियों की नीलामी की गई। जिससे तकरीबन 20 करोड़ आया। लेकिन इस बीच तेजी से बदलते घटनाक्रम ने एक नया मोड़ ले लिया यश ग्रुप 17 अगस्त को हाईकोर्ट में नीलामी रुकवाने के लिए आवेदन लगाया। इसके पश्चात 4 सितंबर को न्यायालय ने सुनवाई की तारीख दी और उसी दिन यश ग्रुप की संपत्ति की नीलामी स्वामी विवेकानंद संस्कृतिक भवन दुर्ग में चल रही थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि नीलामी की प्रक्रिया चल सकती है लेकिन न्यायालय की अनुमति के बगैर संपत्ति बेची नहीं जा सकती। इस दौरान बोली खत्म होते ही जिन्होंने बोली जीती थी उन्होंने 25 प्रतिशत की रकम जमा कर दी। जब ये बात निवेशकों को तक पहुचीं तो निवेशकों में एक खुशी की लहर आई। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बारे में पता लगते ही लोगों में बड़ी असमंजस की स्थिति है कि आगे उनके पैसों का क्या होगा? इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चिन्तक जिला प्रशासन से संपर्क करने का प्रयास किया। जिसमें दुर्ग के एसडीएम मुकेश रावटे से चर्चा की गई।
प्रक्रिया पर किसी भी तरीके की रोक नहीं- SDM मुकेश रावटे
एसडीएम मुकेश रावटे ने कहा कि हाईकोर्ट ने प्रक्रिया पर किसी भी तरीके की रोक नहीं लगाई है। संपत्ति की जब रजिस्ट्री की जाएगी तब न्यायालय से अनुमति लेनी है। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को होने वाली नीलामी में किसी भी तरीके का कोई परिवर्तन नहीं है।