इसरो चीफ एस सोमनाथ की सैलरी कितनी है, उन्हें और क्या सुविधाएं मिलती हैं

नई दिल्ली: पिछले दिनों भारत ने चांद पर पहुंचकर इतिहास रच दिया है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। भारत इसी के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इन उपलब्धियों के पीछे समर्पित वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कठीन प्रयास करते हैं| यह पूरा ऑपरेशन जिनकी निगरानी में चल रहा था, वह थे इसरो के चीफ एस सोमनाथ। चंद्रयान-3 की सफलता में इनका अहम योगदान है। एस सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है। इस मिशन के बाद कई लोग जानना चाहते हैं कि इसरो के चीफ की सैलरी कितनी है। एस सोमनाथ को हर महीने कितना वेतन मिलता है। आज हम आपको इसी की जानकारी देने जा रह हैं।

7वें वेतन आयोग के मुताबिक, इसरो चीफ की सैलरी ढाई लाख रुपये महीना होती है। बता दें कि सैलरी के अलावा इसरो चीफ को रहने के लिए आवास और वाहन आदि की भी सुविधाएं मिलती हैं। वहीं इसरो चीफ को एक आईएएस या आईपीएस वाला ओहदा हासिल होता है।
इसरो चीफ को वाई प्लस लेवल की सुरक्षा भी मिलती है। अप्रैल 2022 में केंद्र सरकार ने इसरो चीफ एस सोमनाथ को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। इसके तहत वो चाहे जहां रहें, उनके साथ चौबीसों घंटे 4-6 सशस्त्र कमांडो तैनात रहेंगे।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन या ISRO देश का प्रीमियर संगठन है। इसका प्रशासन अंतरिक्ष विभाग के अधीन है जो कि सीधे प्रधानमंत्री के तहत काम करता है। इसरो में विभिन्न पदों पर वैज्ञानिक और इंजीनियरों की भर्ती होती है। वे भी सरकारी वेतनमान और भत्ते पर काम करते हैं। इसका निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा गठित वेतन आयोग करता है।

बता दें कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद इसरो के वैज्ञानकों के वेतन में कुछ बदलाव किया गया था। अब पे बैंड और ग्रेड पे मिला कर जो बनेगा, वह बेसिक पे कहलाएगा। इसरो में काम करने वालों को बेसिक पे के अलावा डियरनेस अलाउंस भी मिलेगा। इसमें साल में दो बार बढ़ोतरी होगी। उन्हें वेतनमान के अलावा हाउस रेंट अलाउंस भी मिलेगा जो कि बेसिक पे का 10 फीसदी से 30 फीसदी के बीच होगा। 7वें वेतन आयोग के अनुसार, इसरो वैज्ञानिक/इंजीनियर वेतन अन्य भत्तों और लाभों के साथ 84,360 प्रति माह|

वहीं उन्हें ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी मिलेगा जो कि ग्रेड पे और पोस्टिंग स्टेशन के आधार पर निर्भर करेगा। ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर डीए भी मिलेगा। यहां काम करने वालों को परिवार के सदस्यों के साथ मेडिकल सुविधा, मकान बनाने के लिए एडवांस, ग्रुप इंश्योरेंस, सब्सिडी वाले कैंटीन आदि की भी सुविधा मिलती है।